यूनीसेफ और स्वच्छ भारत मिशन की ओर से होटल तानसेन रेसीडेंसी में स्वच्छता मित्रों की सुरक्षा एवं सम्मान विषय पर दो दिवसीय संभागीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्वालियर। समाज में स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में स्वच्छता मित्र महती भूमिका निभाते हैं। हमारे कई स्वच्छता मित्रों को स्वच्छता संबंधी प्रोटोकॉल की जानकारी न होने से काम के समय तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए स्वच्छता मित्रों को उचित प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें सभी प्रकार के जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराएँ। यह बात ग्वालियर-चंबल कमिश्नर दीपक सिंह ने कही। उन्होंने यह बात ग्रामीण क्षेत्र के स्वच्छता मित्रों की सुरक्षा एवं सम्मान विषय पर यूनीसेफ और स्वच्छ भारत मिशन की ओर से होटल तानसेन रेसीडेंसी में आयोजित की गई दो दिवसीय संभागीय कार्यशाला में कही। उन्होंने स्वच्छता मित्रों के सम्मान के साथ-साथ उन्हें बेहतर से बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने पर बल दिया।
कार्यशाला में ग्वालियर व चंबल संभाग के प्रत्येक जिले के चार-चार मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला में यूनीसेफ मध्यप्रदेश की चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक डॉ. केदार सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार एवं यूनीसेफ मध्यप्रदेश के वॉश अधिकारी नरेन्द्र सिंह चौहान भी शामिल हुए। सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा ने महिला स्वच्छता कार्यकर्ताओं की चुनौतियों का समाधान शामिल करने और स्वच्छता सेवा प्रणालियों में बच्चों के अनुकूल प्रावधानों को एकीकृत करने पर जोर दिया। साथ ही कहा स्वच्छता मित्र की सुरक्षा एवं गरिमा पर भी ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है। संचालक डॉ. सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में संचालित योजनाओं मसलन 15वे वित्त आयोग, जेजेएम और स्वच्छ भारत मिशन के संयोजन के साथ स्वच्छता गतिविधियों को प्रभावी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा इससे ओडीएफ प्लस की गतिविधियों में तेजी आयेगी। साथ ही स्वच्छता मित्रों को भी अच्छी सुविधायें मिल सकेंगीं। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर स्वच्छता को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन संचार और सामुदायिक गतिशीलता व स्वच्छता ही सेवा संग्रह लाँच किया। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों के व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) को पहने व उतारने संबंधी प्रक्रिया को बारीकी से समझाया गया। साथ ही स्वच्छता मित्रों के हित में संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। इसके अलावा ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, मल कीचड़ और सेप्टेज प्रबंधन इत्यादि पर विस्तृत प्रशिक्षण भी दिया गया। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-2 के सफल क्रियान्वयन में स्वच्छता मित्र अर्थात स्वच्छता कर्मियों की अहम भूमिका, गाँवों को ओडीएफ प्लस बनाने, सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण व उपयोग, खुले में शौच मुक्ति में स्थायित्व आदि विषयों पर कार्यशाला में गहन विचार मंथन हुआ। कार्यशाला के समापन अवसर पर उपायुक्त ग्रामीण विकास ने मास्टर ट्रेनर्स को सम्मानित किया। राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक के रूप में यूनीसेफ के शबिर इकबाल, अतुल त्रिवेदी, सास्वत नायक और डॉ. कविता उपाध्याय ने प्रशिक्षण दिया।