ग्वालियर पुलिस विभाग में तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने साबित कर दिया है कि यदि जज़्बा और जिम्मेदारी मजबूत हो, तो अपराध किसी भी हाल में पनप नहीं सकता। जिले में इस समय 3 एडिशनल एसपी, 3 डीएसपी, 15 थाना प्रभारी (TI), 40 ऊर्जा डेस्क प्रभारी और करीब 400 महिला कॉन्स्टेबल तैनात हैं। यह महिला पुलिस बल न केवल अपराधियों पर नियंत्रण बनाए हुए है, बल्कि पिछले दो साल में महिला अपराधों में 30% की कमी लाने में भी सफल रहा है।
अपराध के आँकड़े बताते हैं—महिला पुलिस का असर साफ दिखा
ग्वालियर में महिला अपराधों का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है।
आंकड़े साफ बताते हैं कि महिला पुलिस की सक्रियता और सख़्ती का परिणाम अब धरातल पर नजर आने लगा है—
- 2023 में महिला अपराध — 1445 केस
- 2024 में महिला अपराध — 1230 केस
- 2025 में महिला अपराध — 1016 केस
महिला अधिकारियों की मौजूदगी बनी सुरक्षा की गारंटी
ग्वालियर जिले में आज स्थिति यह है कि एडिशनल एसपी से लेकर CSP, DSP, TI और चौकी प्रभारी तक—महिलाएं कई बड़े पदों पर जिम्मेदारी संभाल रही हैं। ये अधिकारी कहती हैं कि चुनौतियां जरूर रहती हैं, लेकिन कर्तव्य की भावना और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देता है।
SSP धर्मवीर सिंह यादव का बयान “जिले में महिला अपराधों को लेकर लगातार काम किया गया। महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती और उनकी फील्ड एक्टिविटी ने अपराधों पर लगाम कसने में बड़ी भूमिका निभाई है।”
ग्वालियर-चंबल का बदलता दौर, जहाँ बेटियां अब सुरक्षा की ढाल बनीं
एक समय था जब ग्वालियर-चंबल के कई इलाकों में महिलाएं घर की चारदीवारी तक सीमित थीं। लेकिन आज वही बेटियां अपराधियों के खिलाफ मोर्चा संभाले खड़ी हैं। उनकी वर्दी, उनकी हिम्मत और उनका समर्पण आज समाज में नई प्रेरणा का कारण बन चुके हैं।