अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ चल रही कानूनी लड़ाई में एक और बड़ी जीत मिली है। यूट्यूब ने उनके अकाउंट सस्पेंशन मामले में 24.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 217 करोड़ रुपये देकर समझौता कर लिया है। यह समझौता उस वक्त हुआ, जब 6 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई होने वाली थी।
क्यों हुआ था विवाद?
साल 2021 में अमेरिकी कैपिटल पर हुई हिंसा के बाद डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया गया था। उस समय प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी संसद (कैपिटल हिल) में घुसकर भारी बवाल किया था। इस हिंसा की वजह ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट्स को माना गया, जिसमें उन्होंने वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए धांधली के आरोप लगाए थे। घटना के बाद मेटा, ट्विटर (अब एक्स) और यूट्यूब ने ट्रंप के अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था।
ट्रंप का कानूनी दांव
डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले को गलत ठहराते हुए इन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट का रुख किया। उन्होंने मेटा, ट्विटर (एक्स) और यूट्यूब पर अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए।
- मेटा ने केस सुलझाने के लिए ट्रंप को 25 मिलियन डॉलर दिए।
- ट्विटर (एक्स) ने 10 मिलियन डॉलर में मामला निपटाया।
- और अब यूट्यूब (गूगल) ने 24.5 मिलियन डॉलर की भारी रकम देकर समझौता किया।
इस तरह इन मुकदमों से ट्रंप को अब तक 80 मिलियन डॉलर (660 करोड़ रुपये से ज्यादा) का फायदा हो चुका है।
किसे मिलेगी यह रकम?
कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, समझौते में से 22 मिलियन डॉलर अमेरिका के नेशनल मॉल ट्रस्ट को दिए जाएंगे। वहीं शेष राशि अमेरिकन कंजर्वेटिव यूनियन और उन संगठनों को जाएगी, जिन्होंने यह केस दायर किया था।
गूगल ने क्यों किया समझौता?
जानकारी के मुताबिक, 6 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित थी। उससे ठीक पहले गूगल (यूट्यूब) ने विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए 24.5 मिलियन डॉलर में समझौता कर लिया। हालांकि कंपनी ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
बड़ी तस्वीर
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ साल 2021 के बाद सोशल मीडिया कंपनियों ने कड़ा रुख अपनाया था। लेकिन अब उन्हीं मामलों के जरिए ट्रंप ने इन कंपनियों से करोड़ों डॉलर वसूल लिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रंप के लिए सिर्फ कानूनी जीत ही नहीं, बल्कि 2024 के राष्ट्रपति चुनावों से पहले एक राजनीतिक बढ़त भी है।