चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में SIR के पहले चरण के सफल क्रियान्वयन के बाद अब इसे देश के अन्य चयनित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा। यह निर्णय मतदाता सूची के अद्यतन और चुनावी पारदर्शिता को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि दूसरे चरण में SIR प्रक्रिया 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जाएगी। इनमें अंडमान एंड निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन सभी राज्यों में कल से SIR प्रक्रिया की शुरुआत होगी।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि विशेष इंटेंसिव रिवीजन के तहत सभी मतदाता सूचियों का अद्यतन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे। आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिरहित और अद्यतन हो। उन्होंने बताया कि फाइनल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान नए मतदाताओं का पंजीकरण, मृत मतदाताओं या स्थानांतरित नामों को हटाना, और मौजूदा प्रविष्टियों में सुधार जैसे कार्य किए जाएंगे।
गौरतलब है कि आने वाले वर्ष 2026 में पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आयोग इन राज्यों में SIR के माध्यम से चुनावी तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ बनाना चाहता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे SIR प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से लागू करें तथा नागरिकों को इस अभियान में अधिकतम रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
इस घोषणा के साथ चुनाव आयोग ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि आगामी चुनावों की तैयारियां तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और मतदाता सूची की शुद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।