मध्यप्रदेश के हरदा जिले में 13 जुलाई 2025 को एक बेहद गंभीर और विवादास्पद घटना सामने आई, जब पुलिस ने राजपूत छात्रावास में घुसकर छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब करणी सेना और राजपूत समाज के कुछ सदस्य सीहोर हत्याकांड में गिरफ्तार एक आरोपी को थाने से कोर्ट ले जाने का विरोध कर रहे थे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद पुलिस ने पहले तोड़फोड़ और पथराव का आरोप लगाकर प्रदर्शनकारियों पर लाठियाँ बरसाईं और बाद में राजपूत छात्रावास तक पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने हॉस्टल के अंदर घुसकर छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कुछ छात्रों को गंभीर चोटें आईं और कई का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया।
घटना के छात्रावास में पढ़ाई कर रहे युवक किसी भी तरह की हिंसा में शामिल नहीं थे, इसके बावजूद पुलिस ने जबरन घुसकर बल प्रयोग किया। पुलिस का दावा है कि यह कार्रवाई सुरक्षा के मद्देनज़र की गई, लेकिन विपक्ष ने इसे सत्ता के इशारे पर की गई बर्बरता बताया है।
विपक्षी नेता दिग्विजय सिंह स्वयं छात्रों से मिलने हॉस्टल पहुँचे और उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे अमानवीय और लोकतंत्र के खिलाफ करार दिया। घटना के बाद पूरे प्रदेश में करणी सेना और अन्य सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।
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