नेपाल में हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान डिस्कॉर्ड ऐप अप्रत्याशित रूप से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया। जेन-ज़ेड प्रदर्शनकारियों ने बड़े सर्वर बनाकर न सिर्फ रणनीति और समन्वय किया, बल्कि अंतरिम नेतृत्व तय करने के लिए वोटिंग भी की। यही डिजिटल संगठन शक्ति अंततः सत्ता परिवर्तन तक पहुंच गई।
घटनाक्रम कैसे बढ़ा
- सोशल मीडिया बैन के बाद युवाओं ने VPN और वैकल्पिक प्लेटफॉर्म का सहारा लिया।
- हजारों लोग डिस्कॉर्ड सर्वरों पर इकट्ठा हुए और अगले कदमों की योजना बनाई।
- “यूथ अगेंस्ट करप्शन” जैसे सर्वरों में 1.3–1.45 लाख सदस्य सक्रिय हुए।
- यहां पोल्स के जरिए अंतरिम नेतृत्व चुना गया, जिसमें सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे रहा।
- प्रदर्शनों के हिंसक होने और दमन के बाद कई मौतें हुईं और आखिरकार पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
डिस्कॉर्ड क्यों बना खास
- गेमिंग चैट ऐप से शुरू हुआ डिस्कॉर्ड अब बड़े समुदायों के लिए टेक्स्ट, वॉइस और वीडियो चैनलों का हब है।
- इसका सर्वर-आधारित ढांचा रियल-टाइम मोबलाइजेशन आसान बनाता है।