प्रदेश की मोहन सरकार में आठ महीने के लंबे इंतजार के बाद मंत्रियों को आखिरकार जिले का प्रभार मिल ही गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते रोज मंत्रियों को जिले का प्रभार का बंटबारा कर दिया। इस बंटबारे ने सूबे की राजनीति को नया संदेश दिया है। एक ओर जहां मोहन मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्रियों कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह को कमजोर जिलों की कमान सौंप कर उनके रसूख को कम करने की कोशिश की गई है… तो वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खासमखास माने-जाने वाले तीनों मंत्रियों यानी त्रिमूर्ति को खासी तवज्जो दी गई है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सिंधिया के क्षेत्र में जिलों का प्रभार दिया गया है। इनमें महत्वपूर्ण बात यह है कि सिलावट को पुनः ग्वालियर का प्रभारी बनाया गया है। वे बुरहानपुर की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। राजपूत को गुना और नरसिंहपुर जिले दिए गए हैं। जबकि तोमर को शिवपुरी के साथ ही पांढुर्णा जिला की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तोमर पिछली बार गुना के प्रभारी मंत्री थे
। गुना और शिवपुरी सिंधिया का संसदीय क्षेत्र है। जबकि ग्वालियर में निवास स्थल है। इस लिहाज से देखा जाए तो मोहन सरकार में सिंधिया के समर्थकों का कद बढ़ाया गया है और आखिर बढ़े तो बढ़े क्यों नहीं…. महाराज अंचल की राजनीति के सुपर पॉवर जो बनकर उभर रहे हैं। ग्वालियर-चंबल में उकनी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल रहा है। मोहन राज में सिंधिया सरताज जो बन हुए हैं।
— विजय पाण्डेय