देश-दुनिया में होने वाले खेलों के आयोजन को पलक झपकते ही आपकी नजरों के सामने लाने का काम करते हैं खेल-पत्रकार। एक खेल पत्रकार न सिर्फ खेल की दुनिया, बल्कि पूरी दुनिया को अधिक बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर सकता है।फिर वह दुनिया चाहे संस्कृति से संबंध रखती हो या शांति अथवा अच्छे आदर्शों से संबंधित ही क्यों न हो। खेल पत्रकारिता दिवस खेल जगत की खबरें देने वाली मीडिया और उनके पत्रकारों के श्रेष्ठ कार्यों को सम्मानित करने का दिन होता है। आइए, जानते इस दिवस का महत्व और इसका इतिहास।
-अंतरराष्ट्रीय खेल प़त्रकारिता दिवस पर विशेष : डॉ. केशव पाण्डेय
2 जुलाई को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय खेल पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। खेल व्यक्ति के समग्र विकास में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं। क्योंकि कुछ लोग इसे मनोरंजन मानते हैं तो अनेक लोग इसे कॅरियर विकल्प के रूप में अपनाते हैं। विशिष्ट व्यक्तियों को खेल के साथ-साथ पत्रकारिता में भी गहरी रुचि होती है, इसलिए वे ’खेल पत्रकार’ के रूप में अपना कॅरियर बनाते हैं।
खेल पत्रकारिता में, पत्रकार खेल से संबंधित मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे डिजिटल, प्रिंट और टेलीविजन जैसे विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर काम करते हैं। लगभग हर स्थानीय या राष्ट्रीय मीडिया संगठन खेल पत्रकारिता में सक्रिय है।
पहले बात करते हैं इस दिवस के इतिहास की तो हम पाते हैं कि 1994 में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन (एआईपीएस) ने विश्व खेल पत्रकार दिवस की स्थापना की। यह दिन एक ओर पेरिस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के दौरान 2 जुलाई को एक संगठन के रूप में एआईपीएस के गठन की याद दिलाता है, वहीं दूसरी ओर पिछले कुछ वर्षों से अनेक खेल मीडिया पेशेवरों को इस विशेष दिन पर उनकी उपलब्धियों के लिए किए जाने वाले सम्मान को दर्शाता है।
इसलिए इस दिवस का महत्व भी बढ़ जाता है। क्योंकि यह दिन विभिन्न खेल पत्रकारों की उपलब्धियों व श्रेष्ठ योगदान को प्रोत्साहित करने और पहचानने पर केंद्रित है। यह महत्वाकांक्षी खेल पत्रकारों को भी इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने के लिए प्रेरित करता है। कई सामाजिक व मीडिया संगठन इस दिन खेल पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं। विश्व खेल पत्रकार दिवस मनाने का एक मुख्य एजेंडा दुनिया भर में खेलों के बारे में जागरूकता पैदा करना भी है।
मौजूदा परिवेश में खेल पत्रकारिता, खेल से संबंधित एक विशिष्ट प्रकार का कार्य है। जिससे दौलत, शोहरत, इज्जत के अलावा
पहुँच और प्रभाव सबकुछ मिलता है। लगभग सभी मीडिया ग्रुप में खेल पत्रकारिता का अलग प्रभाग होता है। आधुनिक युग में खेल को दुनिया में शांति और भाईचारे को प्रोत्साहित करने के लिए उपयोग में लाए जा सकने वाले प्रत्येक अवसर को कैमरे में कैद करना बहुत जरूरी है। हमें खेल से सीख लेनी चाहिए कि इसी की तरह हमें अपने सारे कार्यों में निष्पक्ष और ईमानदार रहना चाहिए। खेल पत्रकारिता की जिम्मेदारी है कि वह सभी देशों के बीच शांति और सौहार्द का उदाहरण प्रस्तुत करें। एक खेल पत्रकार न सिर्फ खेल की दुनिया, बल्कि पूरी दुनिया को अधिक बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर सकता है-फिर वह दुनिया चाहे संस्कृति से संबंध रखती हो या शांति अथवा अच्छे आदर्शों से संबंधित ही क्यों न हो। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने जब ग्वालियर की पावन भूमि पर पहली डबल सेंचुरी बनाई थी तब खेल पत्रकारांं ने ही दुनिया में यह सुखद खबर पलक झपकते पहुंचाई थी। ऐसे में पेशेवर युवाओं के साथ ही खिलाड़ियों को भी पत्रकारिता का पेशा लुभा रहा है।
टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान सौरव गांगुली ने खेल पत्रकारिता में कदम रखकर अपने कॅरियर में नई पारी की शुरुआत की है। गांगुली को विजडन इंडिया के संपादकीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। खेल जितना रोमांचित करता है उतना खेल पत्रकारिता में कॅरियर लुभाता है।
कारण स्पष्ट है कि खेल आधुनिक हों या प्राचीन, खेलों में होने वाले अद्भुत कारनामों को जगजाहिर करने तथा उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने में खेल पत्रकारिता का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। आज पूरी दुनिया में खेल यदि लोकप्रियता के शिखर पर हैं तो उसका काफी कुछ श्रेय उत्कृष्ट खेल पत्रकारिता को भी है। खेल में कॅरियर आज अपने उफान पर है और जो खेल पत्रकारों के लिए अद्भुत कॅरियर के अवसरों के रूप में बेहतर संभावनाओं को दिखाता है। खेल पत्रकारिता में आज के समय में बहुत ज्यादा कॅरियर के विकल्प हैं। खेलों के ऑनलाइन माध्यमों पर प्रसारण और खेल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण बहुत से लोग अपने पसंदीदा खेलों की रिपोर्टिंग देखना, सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि आज युवाओं के कॅरियर में चार चॉंद लगा रही है खेल पत्रकारिता।
108