🌊 कौशिक महाराज ने शिवपुराण कथा में बताया नदियों का दिव्य महत्व
ग्वालियर (फूलबाग)। शिवलोक धाम में आयोजित शिवमहापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर श्रद्धा और भक्ति की अद्वितीय गंगा बही। पुराण मनीषी कौशिक महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए चंबल नदी की पवित्रता और पुण्य फल का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि “जैसे गंगा पतितों को तारती हैं, वैसे ही चंबल स्नान से गौदान का पुण्य प्राप्त होता है।”
🕉️ नदियों में बहती है मुक्ति की धारा – कौशिक महाराज
कथा वाचक कौशिक महाराज ने नदियों की महिमा का बखान करते हुए कहा:
“चंबल का जल इतना शुद्ध और निर्मल है कि वह मोती की तरह चमकता है। ऐसे पावन तीर्थों में स्नान करना मानव जीवन का सौभाग्य है।”
उन्होंने कहा कि सतयुग में 12 वर्षों तक तीर्थ यात्रा से जो पुण्य मिलता था, वह कलियुग में सिर्फ 24 घंटे तीर्थ स्थल पर रुकने से ही प्राप्त हो जाता है।
🌅 गंगा, नर्मदा, गोदावरी और चंबल – पुण्य की प्रतीक नदियां
कौशिक महाराज ने नदियों की विशेषताओं का वर्णन करते हुए कहा:
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सरस्वती के तट पर वास करने से ब्रह्मपद की प्राप्ति होती है।
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गंगा के 100 मुख हैं और उसके तट पर वास से पूर्वजों का उद्धार होता है।
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नर्मदा के 24 मुख हैं – उसके जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।
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गोदावरी के 21 मुख और कृष्णावैणी के 18 मुख – इनके तट पर रुद्रलोक और मल्लिकार्जुन दर्शन का पुण्य मिलता है।
“जो लोग नदियों को प्रदूषित करते हैं, वे अगले जन्म में गूंगे-बहरे होते हैं। प्रकृति से लिया गया ऋण वापस करना ही होगा।”
🏞️ तीर्थ दर्शन और व्रत का महत्व – घर-घर में जागे धार्मिक चेतना
महाराज ने बताया कि वर्ष में कम से कम एक बार तीर्थ यात्रा, माह में एक उपवास, प्रत्येक दिन शिव नाम का स्मरण, और भोजन करते समय मौन रहना चाहिए।
“नित्य पाठ अवश्य करें, और यदि कभी छूट जाए तो अगले दिन दुगुना पाठ कर लें।”
🕯️ धार्मिक अनुशासन से बनता है संतुलित जीवन
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शयनकक्ष के पास मलमूत्र विसर्जन नहीं करना चाहिए।
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बच्चों को सूर्य अर्घ्य देना चाहिए – इससे उनकी बुद्धि तेज होती है।
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प्रातः और संध्या समय दीप प्रज्वलन करने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
🌿 स्वास्थ्य के लिए आध्यात्मिक सूत्र
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गायत्री का स्मरण करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।
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सुबह 8 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद भोजन न करें – 90 दिन में रोग दूर हो जाते हैं।
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उबली लौकी से कैंसर का खतरा कम होता है।
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सरसों के तेल में बना टेंटी का अचार – पित्त दोष में लाभकारी।
🔥 ब्राह्मण का महत्व – वेद, गाय और अग्नि से जुड़ा ब्रह्मांड
कौशिक महाराज ने बताया कि शिवपुराण के अनुसार:
“ब्राह्मण, वेद, गाय और अग्नि भगवान के मुख से प्रकट हुए हैं। ब्राह्मण के बिना यह पृथ्वी टिक नहीं सकती।”
यज्ञ और गुरुपूजा से व्यक्ति प्रकृति के ऋण से मुक्त हो जाता है।
🌟 कथा का समापन – भक्ति और पुण्य का संगम
कथा के अवसर पर विधायक डॉ. सतीश सिंह सिकरवार ने व्यासपीठ का पूजन किया। संत ऋषभदेवानंद, नरेंद्र शर्मा, मनीष शर्मा, उमेश उप्पल, राम पांडे, रामबाबू अग्रवाल, दिनेश पाराशर आदि श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लिया।