— समाज सेवा में व्यक्ति का योगदान विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन
ग्वालियर। जब समाज बड़ा होता है तो सेवा भी छोटी नहीं हो सकती। छोटा कोई नहीं होता है, जिसे हम सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं वह हमेशा बड़ा होता है। जब कार्यकर्ता बड़ा होता है तभी तो काज बड़ा होता है। लेकिन यह सत्य है कि समाज से बड़ा शख्स नहीं हो सकता। ऐसे में हम सभी को सामूहिक रूप से समाज सेवा के क्षेत्र में सदैव बेहतर कार्य करने के लिए समर्पित रहना चाहिए।

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के मार्केटिंग मैनेजर एवं मोटिवेशनल स्पीकर सुदेश पाण्डेय ने यह बात कही।
वे इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) में “समाज सेवा में व्यक्ति का योगदान“ विषय पर आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि के बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई संस्था आगे बढ़ती है तो एक-एक व्यक्ति का उसमें महत्वपूर्ण योगदान होता है। बालू और सीमेंट के बिना पत्थर और इंर्ट नहीं जुड़ सकता। और यदि पत्थर नहीं जुड़ सकता तो फिर महला खड़ा नहीं हो सकता। एलआईसी भी समाज सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रही है। अंचल में दो लाख पौधे लगाकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति किसी की सहायता करता है तो मदद पाने वाले के लिए वह देवता बन जाता है। लेकिन यदि हम सही मायने में इंसान भी बन गए तो हमारी समाज सेवा सार्थक हो जाएगी। क्योंकि सेवा व्यवहार ही मनुष्य की पहचान बनाता है और उसकी निःस्वार्थ भावना को चमकाता है। सेवा मानव की ऐसी सर्वोत्तम भावना है, जो व्यक्ति को सच्चा मानव बनाती है।
कार्यक्रम के आयोजक एवं मुख्य सुत्रधार डॉ. केशव पाण्डेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन में मानव जीवन में समाज सेवा का महत्व और उसमें व्यक्ति की भूमिका पर सारगर्भित विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि परोपकार से किया गया दान जीवन की सबसे बड़ी सुखद अनुभूति होता है। सेवा भाव से परिपूर्ण होकर ही हम अन्य लोगों के सामने मिसाल कायम कर सकते हैं। जिससे पूरे समाज को उत्थान व तरक्की के मार्ग पर सामूहिक रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
इस दौरान एसके शर्मा, पुरुषोत्तम पाण्डेय एवं रामबाबू कटारे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन महेश मुदगल ने तथा आभार व्यक्त दीपक तोमर ने किया। इससे पूर्व सेंटर डायरेक्टर डॉ. पाण्डेय ने मुख्य अतिथि सुदेश पाण्डेय को शॉल, श्रीफल और स्मृति-चिंह भेंट कर सम्मानित किया ।
इस मौके पर एसके शर्मा, सुरेंद्र कुशवाह, पुरुषोत्तम पाण्डेय, जगदीश गुप्ता, अविनाश भटनागर, संतोष पाण्डेय, मनोज अग्रवाल, विजय गुप्ता, विजय पाण्डेय, विवेक सुडेले, प्रवीण शर्मा, हरीश पाल, आदेश सक्सेना, रामबाबू कटारे, एके जई, आलोक द्विवेदी, निर्मल कोठारी, दिनमणि शर्मा, वीरेंद्र पाण्डेय एवं संतोष वशिष्ठ प्रमुख रूप से मौजूद थे।