Sandhya Samachar

नवगीत के बहाने मूल्यों कि पड़ताल

176 views


क्या आप यकीन कर सकते हैं किसी ऐसे लेखक की जो अपनी पोस्ट के प्रकाशन के लिए पूरे ४० साल तक इन्तजार करे? जबकि आजकल देश में पुस्तकों का प्रकाशन हाथो -हाथ सम्भव है । ग्वालियर के साहित्यकार डॉ.ब्रजेश शर्मा ने अपनी पहली पुस्तक के प्रकाशन के लिए 40 साल इन्तजार किया। शर्मा जी बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं लेकिन उनकी साहित्य में रूचि उतनी ही पुरानी है जितने कि शर्मा जी ।
पूरे 70 साल के ब्रजेश शर्मा ने 1984 में नवगीत के ऊपर पहला शोधकार्य किय। विषय था ‘ नवगीत : जीवन और मूल्य’ एक डीएम नया विषय था उस समय ,न कोई संदर्भ सामग्री और न कोई ढंग का गाइड ,लेकिन शर्मा कि जिद थी सो ये काम हो गय। उनका शोधपत्र जब साक्षात्कार के लिए परीक्षकों के सामने आया तो वे भौंचक रह गए। उन्हें तब और आश्चर्य हुआ जब बताया गया कि शोधकर्ता तो बैंक कर्मी है शर्मा जी ने पिछले साल मुझे अपना शोध ग्रन्थ पढ़ने को दिया ,उनका आग्रह था कि यदि मई इसकी भूमिका लिखू तो वे इसे प्रकाशित करा सकते हैं । मई इस कार्य के लिए सहर्ष तैयार हो गया क्योंकि विषय ही ऐसा था । और मुझे ख़ुशी है कि शर्मा जी की इच्छाशक्ति के चलते गत १६ नवंबर २०१३ को ये शोधग्रंथ प्रकाशित होकर लोकार्पित भी कर दिया गय। मानस भवन ग्वालियर में आयोजित विमोचन समारोह में देश के नामचीन्ह गीतकार डॉ सोम ठाकुर ९०वर्ष की वी के बावजूद ग्वालियर पहुंचे । मुख्य वक्तव्य देने के लिए प्रयाग से चलकर यश मालवीय भी ग्वालियर आय। डॉ कीर्ति काले भी समारोह में मौजूद रही। डॉ सोम ठाकुर ने कहा कि डॉ ब्रजेश शर्मा का शोध कार्य बेमिसाल है। यश मालवीय ने कहा कि इस शोधग्रंथ से नवगीत के जीवन मूल्यों को समझने में बहुत आसानी होगी। डॉ कीर्ति काले ने कहा कि ये इतना महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ है कि इसे देश के अनेक विश्व विद्यालयों को पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाने के साथ ही अपने खर्चे पर प्रकाशित करना चाहिए। मेरी नजर में तो ये शोधकार्य था ही अनूठा ।

मुंबई के किताब राइटिंग पब्लिकेशन ने इसे बड़ी ही मेहनत से प्रकाशित किया है । यद्यपि शोध ग्रन्थ की कीमत [९००] रूपये बहुत अधिक है ,इसलिए इसका कम कीमत का संस्करण ए तो और लोकोपयोगी हो सकता ह। ३३०पृष्ठ के इस शोधग्रंथ की सामग्री छह खंडों में विभक्त है और गीत तथा नवगीत में रूचि रखने वालों के लिए संजीवनी ह। लोकार्पण समारोह के बाद सभी अतिथि कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ भी किय। संचालन डॉ करुणा सक्सेना न किया और आभार प्रदर्शन डॉ भगवानस्वरूप चैतन्य ने किया । आयोजन में श्रीराम सेंटर फार एक्सीलेंस के छात्रों ने अपनी सक्रिय भूमिका अदा की। उनका भी इस मौके पर सम्मान किया गया।

@ राकेश अचल

Leave a Comment

मौसम का मिज़ाज़

India, IN
overcast clouds
86%
5km/h
100%
25°C
25°
25°
24°
Wed
23°
Thu
22°
Fri
21°
Sat
22°
Sun

About Us

हमारी वेबसाइट का प्रमुख उद्देश्य सार्वजनिक रूप से जानकारी प्रदान करना है, और हम आपको विभिन्न विषयों पर लेख और समाचार प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

Contact Info

Address:

Sandhya Samachar, In front of Hotel Shelter, Padav, Gwalior. 474002

Email:

info@oldsamachar.nezovix.in

Contact Number:

+91 94251 11819

© Copyright 2023 :- Sandhya Samachar, All Rights Reserved. Designed and Developed by Web Mytech