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मुकदमेबाजी बंद होने से समाज को मिलती है सकारात्मक ऊर्जा : न्यायाधिपति आर्या

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— समाधान आपके द्वार के तहत संभाग स्तरीय प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह में उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र के जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीश, संभाग आयुक्त, एडीजी, आईजी व कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियां ने की सहभागिता

ग्वालियर। मुकदमेबाजी बंद होने से समाज को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, इससे परिवार, समाज, गाँव व देश में खुशहाली आती है। इसी भाव के साथ “समाधान आपके द्वार” योजना शुरू की गई है। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति रोहित आर्या ने यह बात कही।
उन्होंने कहा इस योजना का मूल उद्देश्य केवल प्रकरणों का निराकरण भर नहीं अपितु आपसी सुलह के माध्यम से विवाद की मूल जड़ का उन्मूलन करना है, जिससे समाज की आखिरी पंक्ति में बैठा व्यक्ति भी हम पर भरोसा करे और स्वस्थ, विकसित व शांतिपूर्ण समाज का निर्माण हो। न्यायाधिपति श्री आर्या जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति एवं जिला प्रशासन ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “समाधान आपके द्वार” योजना के तहत आयोजित हुए प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

पांच मामले हैं शामिल
श्री आर्या ने बताया कि वर्तमान में पांच विभागों से संबंधित मामले समाधान आपके द्वार योजना में शामिल हैं। इसे विस्तार देकर जीएसटी, आयकर, श्रम व पारिवारिक विवादों को भी जोड़ा जायेगा। जिससे आपसी विवादों के निराकरण का दायरा बढ़ेगा। साथ ही कहा कि “समाधान आपके द्वार” के लिए डैशबोर्ड तैयार किया गया है और एक ऐसा मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है, जिससे हर गाँव में कितने मुकदमे दर्ज हैं और कितने निराकृत हो चुके हैं, उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध रहेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि “समाधान आपके द्वार” ग्वालियर व चंबल संभाग तक ही सीमित न रहकर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम बनेगा।85 प्रतिशत मामले जिला न्यायालय में दर्ज होते हैं। इनमें से 15 प्रतिशत मामले उच्च न्यायायालय और केवल 9 प्रतिशत मामले सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँचते हैं। इससे जाहिर होता है कि जिला न्यायालय पर मुकदमों का बहुत बड़ा बोझ है। इसलिए हमें “समाधान आपके द्वार” जैसी योजनाओं के माध्यम से मुकदमेबाजी से पहले ही आपसी सुलह-समझौते के आधार पर प्रकरणों का निराकरण कराकर लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के साझा प्रयास करने होंगे।
“समाधान आपके द्वार” योजना के तहत अब तक लगभग दो लाख प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। योजना के तहत कुल चार चरण आयोजित हुए हैं। पहले चरण में 5 हजार 30, दूसरे में 10 हजार 624, तीसरे चरण में 34 हजार 814 और चौथे चरण में एक लाख 46 हजार 151 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

कार्यक्रम में संभाग आयुक्त दीपक सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ग्वालियर डी श्रीनिवास वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चंबल सुशांत कुमार सक्सेना, मुख्य वन संरक्षक टीएस सूलिया, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक राजीव गुप्ता मंचासीन थे। साथ ही उच्च न्यायालय के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार एके मिश्रा व ओएसडी हितेन्द्र द्विवेदी तथा ग्वालियर जिले के प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता सहित उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र के सभी 9 जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीश, विभिन्न जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, वन मण्डलाधिकारी, विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी, विधिक सहायता अधिकारी व लोक अभियोजन अधिकारियों सहित समाधान आपके द्वार के क्रियान्वयन से जुड़े अन्य अधिकारी मौजूद थे।
निराकरण का हो दस्तावेजीकरण
संभाग आयुक्त सिंह ने कहा कि “समाधान आपके द्वार” योजना के तहत इसी तरह आगे भी आपसी विवादों का बड़े पैमाने पर निराकरण होता रहे, इसके लिये संस्थागत व्यवस्था बनाने की जरूरत है। इस दिशा में निराकरण का दस्तावेजीकरण भी किया जाए। उन्होंने दस्तावेजीकरण के लिये महाविद्यालयों एवं रिसर्च स्कॉलर को जोड़ने पर बल दिया।
छोटे योगदान से बड़ा बदलाव
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वर्मा ने एक चिड़िया पर केन्द्रित कहानी सुनाते हुए कहा कि हमारा छोटा सा भी योगदान समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।
राष्ट्रीय स्तर की ख्याति
कलेक्टर ने कहा कि “समाधान आपके द्वार” योजना को राष्ट्रीय सतर पर ख्याति मिल रही है। हाल ही में पंजाब की टीम इस योजना का अध्ययन करने ग्वालियर आई थी। उस टीम ने “समाधान आपके द्वार” को सार्थक बताया।
सुनाए अपने अनुभव
ग्वालियर के प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता सहित अन्य जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों और ग्वालियर जिले के कलेक्टर व एसपी सहित 9 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों ने “समाधान आपके द्वार” योजना के तहत प्रकरण निराकृत करने के लिये अपनाई गई रणनीति सुनाकर अपने अनुभव साझा किए।
उच्च न्यायालय के ओएसडी श्री हितेन्द्र द्विवेदी ने भी योजना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन श्री एस बी ओझा ने
न्यायाधिपति ने किया सम्मानित
न्यायाधिपति आर्या ने उल्लेखनीय कार्य करने के लिये संभाग आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक,आईजी चंबल, ग्वालियर कलेक्टर, एसपी सहित सभी 9 जिलों के कलेक्टर व एसपी समेत सभी पाँच विभागों के अधिकारियों, लोक अभियोजन व विधिक सहायता अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र व प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

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