राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
भोपाल – केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब सहकारी समितियां सिर्फ कृषि ऋण तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, रेलवे टिकट बुकिंग और बिल भुगतान जैसी सेवाएं भी संचालित करेंगी।
प्राथमिक साख सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन में मध्यप्रदेश सबसे आगे
श्री शाह ने जानकारी दी कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (PACS) के कंप्यूटराइजेशन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है। उन्होंने 100% कंप्यूटराइजेशन को लेकर राज्य सरकार की प्रशंसा की और इसे अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में सहकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। सहकारिता को अब ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर सशक्त करने का लक्ष्य है।

राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
डेयरी और सहकारी गतिविधियों का होगा विस्तार
केंद्रीय मंत्री शाह ने बताया कि:
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मध्यप्रदेश में प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 9% है।
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सहकारिता और डेयरी को कम से कम 50% गांवों तक पहुंचाने की योजना है।
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राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच सहयोग समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
👉 इस कदम से किसानों की आय में बढ़ोतरी, दूध प्रसंस्करण में सुधार और नए डेयरी उत्पादों के निर्माण की संभावनाएं खुलेंगी।
सहकारी समितियों को मिलेंगी नई ज़िम्मेदारियाँ
पैक्स अब 30 से अधिक गतिविधियों में संलग्न
अमित शाह ने बताया कि एक समय था जब PACS केवल कृषि ऋण (Short-term agri loans) देती थीं, जिससे उन्हें केवल 0.5% लाभ होता था। लेकिन अब:
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सहकारी समितियां 30 से अधिक गतिविधियों में कार्य कर रही हैं।
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इससे समितियों की आय में भी इजाफा हुआ है।
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रेलवे टिकट बुकिंग, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, और बिल भुगतान सेवा जैसे काम अब समितियां संभालेंगी।
केंद्र सरकार की पहल और नीति
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केंद्र सरकार द्वारा गठित केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने मॉडल बायलॉज तैयार कर सभी राज्यों को साझा किए थे।
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अब पूरे भारत में ये बायलॉज लागू हो चुके हैं, जिससे सहकारी आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है।
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केंद्रीय मंत्री ने इस पहल को सहकारिता क्षेत्र के पुनरुत्थान के रूप में देखा है।
निष्कर्ष: सहकारिता का नया युग
मध्यप्रदेश सहकारिता के क्षेत्र में मॉडल राज्य बनकर उभर रहा है। पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, डेयरी विकास और डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सहकारी समितियां अब आर्थिक और सामाजिक विकास का आधार बनेंगी। यह परिवर्तन न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।