दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी में जुटे देश-विदेश के साहित्यकार
ग्वालियर। टेलीविजन और सोशल मीडिया के दौर में आज भी देश में साहित्य की प्रतिष्ठा है। भारत की स्वाधीनता भी साहित्य के बल पर मिली थी। एक साहित्य ही है जो पूरे विश्व में भारत को सशक्त बनाएगा। केंद्र्रीय हिंदी संस्थान आगरा की निदेशक डॉ. बीना शर्मा ने यह बात कही।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित लोकमंगल हिंदी साहित्य पर्व के तहत ग्वालियर साहित्य संस्थान, भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान एवं पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में गोविंदपुरी स्थित आईआईटीटीएम में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगोष्ठी स्वाधीनता और साहित्य के शुभारंभ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के उन्होंने यह बात कही।

अध्यक्षता आईआईटीटीएम के निदेशक डॉ. आलोक शर्मा ने की। जबकि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय, समाज सेवी एमडी पाराशर, पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी की अध्यक्ष रीता सिंह सर्जना, ऊषा तिवारी नेपाल, सविता तिवारी मॉरीशस, एवं साहित्य संगोष्ठी के निदेशक डॉ. भगवानस्वरूप चैतन्य विशिष्ट अतिथि थे।
इस दौरान अतिथियों ने स्वाधीनता में साहित्य के योगदान के साथ ही मौजूदा परिवेश में साहित्य की उपयोगिता और भविष्य में साहित्य की भूमिका पर सारगर्भित विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजरानी शर्मा ने तथा आभार व्यक्त आईआईटीटीएम के नोडल आफिसर डॉ. चंद्र शेखर बरूआ ने किया।

सामाजिक समरसता का प्रतीक है साहित्य
संगोष्ठी के पहले दिन दो तकनीकी सत्र हुए। प्रथम सत्र डॉ. शशिप्रभा पौराणिक की अध्यक्षता में हुआ। मुख्य वक्ता डॉ. अनीता पाण्डा थीं। संचालन रीता सिंह सर्जना ने किया। जबकि द्वितीय सत्र डॉ. राजरानी शर्मा के मुख्यातिथ्य एवं डॉ. आभा मिश्रा की अध्यक्षता में हुआ। संचालन डॉ. पद्मा शर्मा ने किया। दोनों ही सत्रों में देश -विदेश के साहित्यकारों ने साहित्य की महिमा का बखान किया और साहित्य को देश को दिशा देने के साथ ही सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया। इस दौरान डॉ. अमित शर्मा की पुस्तक “कॉंटे बबूल के“ और राम सागर उपाध्याय के फोटो विशेषांक “नजरिया“ का विमोचन किया गया।
संगोष्ठी में आज
संगोष्ठी के दूसरे दिन रविवार को प्रातः 11 बजे से एक बजे तक तृतीय तकनीकी सत्र होगा। अपरांह 2ः40 बजे से सांस्कृतिक एवं सम्मान सत्र होगा। जबकि 4ः30 बजे से अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।