रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी जंग ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। शनिवार रात से लेकर रविवार तड़के तक रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के इलाकों पर जबरदस्त हवाई हमला किया। यूक्रेनी सेना के मुताबिक, इस दौरान रूस ने 595 ड्रोन और 48 मिसाइलें दागीं। इनमें दो बैलिस्टिक और कई क्रूज़ मिसाइलें भी शामिल थीं। इसे युद्ध के दौरान अब तक का तीसरा सबसे बड़ा हवाई हमला बताया जा रहा है।
कीव में तबाही और हताहतों की संख्या
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने जानकारी दी कि कीव और उसके आसपास हुए हमलों में कम से कम चार लोगों की मौत हुई, जबकि 42 लोग घायल हो गए। दक्षिणी यूक्रेन के जपरोज़िया में भी 31 लोग घायल हुए हैं। कई रिहायशी इमारतें और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए।
जेलेंस्की ने कहा कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र चल रहा है। उनके मुताबिक, “रूस का यह कदम बताता है कि उसकी असली मंशा केवल तबाही फैलाना है।”
एयर डिफेंस सिस्टम ने रोका बड़ा खतरा
यूक्रेन की वायुसेना ने दावा किया कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने 43 क्रूज़ मिसाइलें और अधिकांश ड्रोन मार गिराए या निष्क्रिय कर दिए। हालांकि, कुछ मिसाइलें और ड्रोन सुरक्षा घेरे को भेदते हुए राजधानी में तबाही मचाने में कामयाब रहे।
पोलैंड को बंद करना पड़ा एयरस्पेस
इस हमले का असर पड़ोसी देश पोलैंड तक भी देखने को मिला। कई रूसी ड्रोन पोलैंड की सीमा में घुस आए, जिसके बाद पोलिश वायुसेना को अपने लड़ाकू विमान आसमान में भेजने पड़े। रविवार सुबह कुछ समय के लिए दक्षिण-पूर्वी पोलैंड के दो शहरों के पास एयरस्पेस बंद कर दिया गया। पोलैंड की सेना ने कहा कि यह कदम “सावधानी के तौर पर” उठाया गया, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इजरायली पैट्रियट सिस्टम बना सुरक्षा कवच
जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन को हाल ही में इजरायल से पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम मिला है। इसके अलावा जर्मनी इस साल यूक्रेन को दो और एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम उपलब्ध कराने वाला है। ये हथियार रूस के लगातार बढ़ते हवाई हमलों से सुरक्षा देने में अहम साबित हो रहे हैं।
अमेरिका से 90 अरब डॉलर का हथियार सौदा
यूक्रेन की सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ 90 अरब डॉलर के हथियार सौदे पर बातचीत चल रही है। जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों के बीच इस सौदे पर सहमति बन रही है। ट्रंप ने भी कहा कि “यूक्रेन अब अपनी जमीन वापस लेने और युद्ध जीतने की स्थिति में है।”
पड़ोसी देशों तक फैला रूसी ड्रोन का खतरा
रूसी ड्रोन का खतरा सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं है। हाल के दिनों में नॉर्वे और डेनमार्क के हवाई अड्डों व सैन्य ठिकानों के पास भी संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं। रूस के सैन्य विमान इस महीने की शुरुआत में एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर चुके हैं। यूक्रेन ने पड़ोसी देशों को ड्रोन हमलों से निपटने में मदद देने की पेशकश भी की है।