दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस धमाके में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायलों का इलाज जारी है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसके तार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने सोमवार रात अवंतीपोरा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के पम्पोर इलाके में छापेमारी कर तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
हिरासत में लिए गए संदिग्धों की पहचान
जिन तीन संदिग्धों को पकड़ा गया है, वे पुलवामा जिले के निवासी बताए जा रहे हैं। इनमें तारिक अहमद मलिक, जो पेशे से एटीएम गार्ड है, आमिर राशिद, और उसका भाई उमर राशिद शामिल हैं। तीनों की उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच बताई गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वायरल तस्वीर में दिख रहा आमिर राशिद, तारिक का सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहा था। शुरुआती पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आ रही हैं। तारिक और आमिर को पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है, जबकि उमर राशिद को अभी पम्पोर पुलिस स्टेशन में ही रखा गया है।
ब्लास्ट में शामिल संदिग्ध का संबंध फरीदाबाद मॉड्यूल से
इस कार ब्लास्ट में मारे गए संदिग्ध की पहचान डॉ. उमर यू. नबी के रूप में हुई है। वह फरीदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में शिक्षक था और डॉ. आदिल का करीबी बताया जा रहा है।
जांच में यह तथ्य सामने आया है कि ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार तारिक अहमद मलिक की थी, जिसे उसने कथित तौर पर डॉ. उमर को दिया था। डॉ. उमर का कनेक्शन हाल ही में उजागर हुए फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से भी जोड़ा जा रहा है। इस मॉड्यूल के जरिए कई राज्यों में गतिविधियां चलाने का शक है।
लश्कर-ए-तैयबा के नाम से वायरल हुआ दावा
इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। पोस्ट में धमाके को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बिलाल मस्जिद पर कथित भारतीय मिसाइल अटैक का बदला बताया गया है।
हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस वायरल पोस्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पुलिस इसे गंभीरता से जांच के दायरे में ले चुकी है और साइबर टीम इसकी सत्यता की जांच कर रही है।
जांच एजेंसियों ने बढ़ाई गतिविधियां
दिल्ली पुलिस, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रहे हैं। कार की खरीद, इस्तेमाल, डिजिटल ट्रेल और संदिग्धों के फोन रिकॉर्ड की बारीकी से जांच की जा रही है। जांच टीमों का कहना है कि शुरुआती गिरफ्तारियां अहम सुराग दे रही हैं और ब्लास्ट की पूरी साजिश जल्द सामने आ सकती है।