अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी धीरे-धीरे आकार लेने लगी हैं। मंदिर के निर्माणाधीन प्रखंड को अंतिम स्पर्श दिये जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। अब इस आयोजन लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व संघ परिवार तीव्रता से योजना बनाकर इसे मूर्त रूप देने में लगा है। यह उत्सव 10 दिन तक चलेगा। उत्सव के प्रारंभ से ही जगह-जगह लंगर लगाए जाएंगे।
अयोध्या। अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी धीरे-धीरे आकार लेने लगी हैं। मंदिर के निर्माणाधीन प्रखंड को अंतिम स्पर्श दिये जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। अब इस आयोजन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व संघ परिवार तीव्रता से योजना बनाकर इसे मूर्त रूप देने में लगा है। इसके लिए 10 दिवसीय उत्सव आयोजित किया जाएगा और यह 15 से 24 जनवरी 2024 तक चलेगा। उत्सव के प्रारंभ से ही जगह-जगह लंगर लगाए जाएंगे। देश व विदेश के अतिथियों को सूचीबद्ध किया जाने लगा है। आमंत्रित अतिथियों के लिए आवास, भोजन आदि की व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू हो गईं हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये टोलियां बन चुकी है।
संचालित किए जाएंगे दो दर्जन बड़े लंगर
इस उत्सव में शामिल होने रामनगरी आ रहे भक्तों को भोजन मुहैया कराने का विस्तृत खाका खींचा जा चुका है। देशभर के तकरीबन दो दर्जन बड़े लंगर संचालकों से संपर्क किया जा चुका है। कुछ तो स्वयं ही इस उत्सव में प्रतिभागी करने के इच्छुक हैं। कार्यक्रम में अभी तक 15 लंगर संचालकों के आने की संभावना है। ये सभी रामनगरी के भिन्न-भिन्न स्थलों पर भंडारा संचालित करेंगे। भक्तजन इन्हीं स्थलों पर जाकर भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। प्रत्येक लंगर में प्रतिदिन पांच से सात हजार लोगों को भोजन परोसने की योजना है। लंगर पूरे प्राण प्रतिष्ठा उत्सव तक संचालित होंगे।
लंगर संचालकों के साथ तैयार की रणनीति
लंगर की जिम्मेदारी विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री पंकज सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने कई लंगर संचालकों के नाम सूचीबद्ध किये हैं। अपने सहयोगियों के साथ कई लंगर संचालकों से संपर्क कर रणनीति तैयार की।
तीन स्थल चयनित
ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र ने बताया भंडारा संचालित करने के लिए अभी तीन स्थल चयनित किये जा चुके हैं। इसमें मणिरामदासजी की छावनी का मंडप स्थल, कारसेवकपुरम तथा बागबिजेशी शामिल है। रामसेवकपुरम में भंडारगृह बनकर तैयार हो गया है। इसके अतिरिक्त स्थलों के चयन में ट्रस्ट जुटा है।