प्राण-प्रतिष्ठा : ट्रस्ट के नियमों के अनुसार खाने-पीने की कुछ खास वस्तुओं से रहना होगा दूर, खटिया पर सोना होगा मना
रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में कुल 11 दंपती यजमान की भूमिका का निर्वहन करेंगे। इन यजमानों को लगभग 10 दिन तक कुछ नियमों का पालन करना होगा। ट्रस्ट से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि इस पूजा में 11 यजमान होंगे। 15 जनवरी से आठ दिन तक 45 नियमों के अनुसार यजमानों को चलना होगा।
अयोध्या। रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में कुल 11 दंपती यजमान की भूमिका का निर्वहन करेंगे। इन यजमानों को लगभग दस दिन तक कुछ नियमों का पालन करना होगा। ट्रस्ट से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि इस पूजा में 11 यजमान होंगे। काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरि को पत्र भेज कर यजमानों के लिए कुछ नियमों का उल्लेख किया है, जिसका यजमान अनुपालन करेगा। 15 जनवरी से आठ दिन तक 45 नियमों के अनुसार यजमानों को चलना होगा।
मौन रहने का भी नियम : पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के अनुसार, यजमानों को नित्य सुबह स्नान करना होगा। बाहरी भोजन और धूम्रपान त्यागना होगा। क्रोध, अहंकार एवं मद से मुक्त रहकर मन को विचलित करने के दृश्य व वीडियो से दूर रहना होगा। साथ ही ब्राह्मणों को संतुष्ट करना होगा। सच बोलने के व्रत में बाधा आने पर मौन रहना होगा।
सिला वस्त्र नहीं पहनेंगेः आचार्य, ब्राह्मण और ऋत्विजों से झगड़ा, कठोर वचन व कटु भाषण देने को वर्जित किया गया है। यजमान सदविचार व सदचिंतन युक्त होंगे। पत्नियां लहंगा, चोली जैसी सिले वस्त्र पहन सकेंगी। स्वेटर, ऊनी, शॉल, कंबल धारण कर सकेंगे।
भोजन के लिए भी नियम : नित्य का पूजन करने से पहले यजमान फलाहार कर सकते हैं। गरम और शीतल शुद्ध जल ग्रहण कर सकते हैं। नित्य पूजन के बाद दिन में फलाहार किया जा सकेगा। रात्रि की आरती के बाद सात्विक भोजन, सेंधा नमक का प्रयोग कर सकेंगे।
इनका सेवन रहेगा वर्जित : भोजन में हल्दी, राई, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, मांस, अंडा, तेल से बना पदार्थ, गुड़, भुजिया, चावल, और चना। यजमान खाने-पीने की वस्तुएं भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकेंगे।
खटिया पर सोना मनाः दोपहर में ब्राह्मणों को पहले भोजन कराकर यजमान को भोजन करना होगा। खटिया पर बैठना सोना वर्जित है। पुरुष और महिला को आसन के लिए कंबल का प्रयोग करना होगा। संपूर्ण कार्य होने के पहले रोजाना बिछौना पर बैठना तथा नित्य दाढ़ी व नख निकालना वर्जित रहेगा।