कैथोलिक चर्च ने खोया अपना पहला लैटिन अमेरिकी धर्मगुरु
वेटिकन सिटी। पूरी दुनिया के कैथोलिक समुदाय के लिए यह एक अत्यंत शोकपूर्ण क्षण है। पोप फ्रांसिस, जो रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी धर्मगुरु थे, का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे बीते कुछ समय से किडनी की बीमारी और डबल निमोनिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
वेटिकन टीवी पर की गई आधिकारिक घोषणा
कार्डिनल केविन फैरेल ने वेटिकन के आधिकारिक टीवी चैनल पर इस दुःखद समाचार की पुष्टि करते हुए कहा:
“प्रिय भाइयों और बहनों, मुझे गहरे दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे पोप फ्रांसिस अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप फ्रांसिस ने अंतिम सांस ली।”
इलाज के बाद भी नहीं बच सकी जान
पोप फ्रांसिस हाल ही में वेंटिलेटर पर थे और उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। हालत थोड़ी सुधरने के बाद वे घर लौटे थे, लेकिन उनकी डबल निमोनिया और किडनी की पुरानी बीमारी ने अंततः उन्हें हमसे छीन लिया।
एक युग का अंत
पोप फ्रांसिस न केवल कैथोलिक चर्च के प्रमुख थे, बल्कि वे दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी थे। उनका सरल जीवन, समावेशिता पर जोर और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए प्रयास उन्हें बेहद लोकप्रिय बनाते थे।