भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव: बीजेपी के संगठन और सत्ता में नई हलचल
देश की राजनीति में एक बड़े संगठनात्मक परिवर्तन की सुगबुगाहट है। भारतीय जनता पार्टी (BJP), जो दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है, जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा करने जा रही है। इस कदम से सत्ता और संगठन, दोनों में बदलाव की संभावना है।
पांच राज्यों को मिल सकते हैं नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह के अंत तक बीजेपी पांच राज्यों के लिए नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल के अंत तक बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है, जो 2029 लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तय करेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव: क्या है प्रक्रिया?
भाजपा संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता जब तक कम से कम 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी न हो जाए। अभी तक 14 राज्यों में नए अध्यक्ष नियुक्त किए जा चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया बाकी है।
शीर्ष नेतृत्व कर रहा है गहन मंथन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष और मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा इस विषय पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। यह मंथन ना सिर्फ नए अध्यक्ष के चयन के लिए है, बल्कि सत्ता और संगठन दोनों में बदलाव की दिशा भी तय करेगा।
अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार: कौन होगा नया चेहरा?
पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, और मनोहर लाल खट्टर जैसे नेताओं के नाम पर गंभीरता से विचार हो रहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय से पहले RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की राय भी ली जाएगी। हो सकता है कि संघ की पसंद से कोई और नाम सामने आ जाए।
मोदी कैबिनेट में भी हो सकता है बड़ा फेरबदल
राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद, मोदी कैबिनेट में भी विस्तार और फेरबदल की संभावना है। इस बदलाव में एनडीए के सहयोगी दलों जैसे शिवसेना, एनसीपी के साथ-साथ बिहार के कुछ नेताओं को भी जगह मिल सकती है। जेपी नड्डा और वी.डी. शर्मा के नाम भी संभावित कैबिनेट सदस्यों में गिने जा रहे हैं।
अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों टलता रहा?
भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल आमतौर पर तीन साल का होता है, लेकिन जेपी नड्डा को यह पद संभाले चार साल से अधिक हो चुके हैं। इसकी वजह यह रही कि जनवरी 2020 में अध्यक्ष बनने के बाद लोकसभा चुनावों के कारण चुनाव टलते रहे, और उनका कार्यकाल स्वतः बढ़ता गया।
संगठन में नई ऊर्जा की जरूरत
2024 में दोबारा सत्ता में आने के बाद, पार्टी अब भविष्य की रणनीति पर फोकस करना चाहती है। 2029 लोकसभा चुनाव और आगामी राज्य चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा नई नेतृत्व टीम और बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहती है।