संसद में हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित, पूरे दिन के लिए हुई स्थगित
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बार-बार बाधित हुई और आखिरकार पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हंगामा किया। इस कारण कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में क्या हुआ?
सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के कारण सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा—पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक। आखिरकार, लगातार शोर-शराबे के बीच कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से न तो शून्यकाल हुआ और न ही प्रश्नकाल।
राज्यसभा में भी यही हाल
राज्यसभा में भी सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर, पहलगाम हमले और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए 12 नोटिस दिए थे, जिनमें से एक नोटिस CPI के सदस्य पी संदोष कुमार ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर चर्चा के लिए दिया था। सभी नोटिस अस्वीकृत कर दिए गए। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ सदस्य आसन के पास पहुंच गए। उपसभापति ने सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा न रुकने पर सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।