जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें एक पर्यटक की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटकों का एक समूह बैसरन घाटी की सैर पर गया था। बैसरन घाटी एक ऐसा इलाका है जहां केवल पैदल या खच्चरों के जरिए पहुंचा जा सकता है।
प्रत्यक्षदर्शी का बयान: आतंकियों ने नाम पूछकर चलाई गोली
एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकवादियों ने पर्यटकों पर नजदीक से फायरिंग की। उन्होंने कहा, “मेरे पति को सिर में गोली लगी है। 12 अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।” महिला ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की लेकिन घायलों के लिए मदद की गुहार लगाई।
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है जिसे 2019 में गठित किया गया था। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों द्वारा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
घायल पर्यटकों का इलाज जारी, हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन
घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। कुछ स्थानीय लोग घायलों को खच्चरों पर लादकर नीचे लाए। पहलगाम अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायलों की हालत स्थिर है और उनका इलाज जारी है।
पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह की त्वरित प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को गंभीरता से लिया है और गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की है। पीएम मोदी ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस वक्त प्रधानमंत्री सऊदी अरब के दौरे पर हैं लेकिन वह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
घटना के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। ऐसी संभावना है कि गृहमंत्री खुद पहलगाम का दौरा कर सकते हैं।
बढ़ती आतंकी गतिविधियां और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में कश्मीर में आतंकी गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। मार्च की शुरुआत में पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ हुई थी और अप्रैल में भी सेना पर हमला किया गया था जिसमें कुछ जवान शहीद हो गए थे।
इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह हमला और भी अधिक चिंताजनक है क्योंकि अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही शुरू होने वाली है और पहलगाम इस यात्रा का बेस कैंप होता है। सरकार के सामने अब यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की चुनौती है।
पहलगाम में आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि आतंकवादी अब आम नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की सक्रियता इस मामले में त्वरित कार्रवाई का संकेत देती है। आने वाले दिनों में सरकार की अगली रणनीति पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।