“सीजफायर के बीच भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने दिए कूटनीति के नए दौर में सैन्य संतुलन का संकेत”
—— डॉ.केशव पाण्डेय
सीमा पर सन्नाटा है, पर आसमान में हलचलें जारी हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच जब अमेरिका संघर्ष विराम की घोषणा कर रहा है, ठीक उसी समय भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” की निरंतरता की पुष्टि कर यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर भारत कोई ढील देने के मूड में नहीं है।
भारतीय वायुसेना ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक संक्षिप्त लेकिन सशक्त संदेश में यह बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसे सौंपे गए दायित्वों को पूर्ण व्यावसायिकता और सटीकता के साथ अंजाम दिया गया है। यह संदेश न केवल सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि यह उस कूटनीतिक संदेश का भी हिस्सा है, जिसमें भारत अपनी सुरक्षा चिंताओं को प्राथमिकता देता है—चाहे वैश्विक मंच पर कोई भी सन्देश क्यों न गूंज रहा हो।
यह वक्त बेहद नाजुक है। अमेरिका की पहल पर संघर्ष विराम की घोषणा के बाद भी भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ‘रणनीतिक धैर्य’ के साथ ‘सक्रिय निगरानी’ की नीति पर अमल कर रहा है। वायुसेना ने यह भी कहा कि ऑपरेशन अभी जारी है और समय आने पर ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। साथ ही, अटकलें न लगाने और असत्यापित सूचनाओं से बचने की सार्वजनिक अपील ने एक बार फिर यह जता दिया है कि भारत इस पूरे घटनाक्रम को संयम, गोपनीयता और योजना के तहत संचालित कर रहा है।
इस बीच, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई गई। इसमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, थल, जल और वायु सेना के प्रमुख, साथ ही खुफिया एजेंसियों के प्रमुख मौजूद रहे। यह संकेत है कि सरकार हर मोर्चे पर सक्रिय है—सैन्य, कूटनीतिक और खुफिया।
भारत की यह रणनीति स्पष्ट संकेत देती है कि वह न तो आक्रामकता दिखाना चाहता है और न ही निष्क्रियता अपनाना। ऑपरेशन सिंदूर इसी संतुलन का प्रतीक बन रहा है—जहां एक ओर भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति का समर्थन करता है, वहीं दूसरी ओर अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करता।
ऐसे समय में जब वैश्विक ताकतें एक नए संघर्ष की आशंका से चिंतित हैं, भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि शांति केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि स्थायी और संतुलित नीतियों से आती है।
क्या भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव कम होगा या ऑपरेशन सिंदूर कोई नया मोड़ लाएगा—यह तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन अभी के लिए, भारत ने यह जता दिया है कि वह शांति चाहता जरूर है, मगर मजबूती के साथ। क्योंकि यह आज का सशक्त भारत है l