यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे हाथरस जिले में एक नया शहर बसाने की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने हाथरस अर्बन सेंटर के मास्टर प्लान पर काम तेज कर दिया है। बत्ता दे की नए हाथरस के लिए शुरुआत में 2 से 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का चयन किया गया है, जो डेयरी, कपड़ा और ब्रास उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनेगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत शहर को हाईटेक और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
जानिए कहा कहा होगा यमुना प्राधिकरण
यमुना प्राधिकरण का क्षेत्र छह जिलों तक फैला हुआ है। जिसमे सबसे पहला नाम कृष्ण नगरी मथुरा को विकसित किया जा रहा है, टप्पल में लॉजिस्टिक हब बनाया जा रहा है और 7 वॉनदर्स मे से एक ताजमहल के नाम से जाना जाने वाले शहर आगरा में पर्यटन और ऐतिहासिक धरोहर को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब हाथरस में नए शहर का निर्माण लघु और मध्यम उद्योग यानि की MSME और छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। जिले में लगभग 10,293 रजिस्टर्ड उद्योग हैं, जो ग्रुप के रूप में विकसित हैं।
औद्योगिक और आवासीय टाउनशिप विकसित की जाएगी।
चयनित कंपनी पहले शहर की भौगोलिक स्थिति का सर्वेक्षण करेगी। इसके बाद प्लान तैयार करेगी। शुरुआत में 2000 से 4000 हेक्टेयर में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ नया शहर बसाया जाएगा। यीडा के अधिसूचित क्षेत्र में हाथरस के 358 गांव शामिल हैं। हाथरस के सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इन गांव की जमीन पर औद्योगिक और आवासीय टाउनशिप विकसित की जाएगी।
जाने नए शहर की खासियत
- नए शहर का लोकेशन भी इसे खास बनाता है।
- यह एनएच 93 और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए एसएच 33 से जुड़ा होगा और रेल जंक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- मास्टर प्लान 2041 (फेज-2) के तहत इस क्षेत्र में औद्योगिक और शहरी विकास को संतुलित तरीके से बढ़ावा दिया जाएगा।
- हाथरस के सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के कई गांवों में भूमि अधिग्रहित की जाएगी। यह नया शहर सिर्फ औद्योगिक केंद्र नहीं बल्कि स्मार्ट और हाईटेक शहर के रूप में उभरेगा।