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नया संसद, नये भारत के विकास का आधार : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नये भवन का शुभारंभ कर उसे राष्ट्र को समर्पित। साथ ही कहा कि आज का दिन अमर छाप छोड़ेगा और अब नई संसद से नया इतिहास लिखा जाएगा।

नई दिल्ली । भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आज का दिन अमर हो गया है। लोकतंत्र के सबसे बड़े और पवित्र मंदिर नई संसद देश को समर्पित जो की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को संसद भवन के नये भवन का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने हिंदू रीति-रिवाज के साथ पूजा-अर्चना कर सर्व प्रथम उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु से आए 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया।

पहली बार नई संसद इमारत के लोकसभा सदन में प्रधानमंत्री के प्रवेश करते ही सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। राज्सभा के उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति ओम प्रकाश धनखड़ का संदेश पढ़ा।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि नए रास्तों पर चल कर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नया लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते गढ़ रहा है। नया जोश है, नई उमंग, नई सोच है। दिशा नई है। विश्वास नया है। नया संसद नये भारत के विकास के नये आयाम तय करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज फिर एक बार पूरा विश्व भारत को भारत के संकल्प के दृढ़ता को भारतवासियों की प्रखरता, भारतीय जनशक्ति की जीजिविषा को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है। संसद का यह नया भवन भारत के विकास से विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मंदिर यह प्रतिष्ठित भवन सशक्तीकरण, सपनों को हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल बने।

हम सभी को प्रेरणा देगा सेंगोल
मोदी ने कहा कि ऐतिहासिक अवसर पर संसद की इस नये भवन में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हई है। जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी, सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को, कर्तव्यपथ, सेवापथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। उन्होंने कहा कि राजादी और आदीनम के संतो के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक था।

समय की मांग थी नई संसद
मोदी ने कहा कि पिछले एक दो दशक से नई संसद की जरूरत महसूस की जा रही थी। नई संसद समय की मांग थी। आने वाले समय में सांसदों की संख्या बढ़ेगी। मुझे खुशी है कि भव्य भवन आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह से लैस है। इस संसद में विरासत भी है, वास्तु भी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है। देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनाए गए हैं। 9 साल में 50 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि इस संसद भवन ने करीब 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। उन्होंने इस भवन के लिए अपना पसीना बहाया है। इनके श्रम को समर्पित डिजिटल गैलरी बनाई गई है। संसद के निर्माण में उनका योगदान भी अमर हो गया है।
प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि मुझे विश्वास है, इस संसद में जो जनप्रतिनिधि बैठेंगे, वे नई प्रेरणा के साथ, लोकतंत्र को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे। मुझे गरीबों के चार करोड़ घर बनने का संतोष है। जब हम इस भवन को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं तो मुझे 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण को देखकर भी संतोष है। हमारी प्रेरणा एक ही है, देश का विकास, देश के लोगों का विकास।

  • इनपुट भाषा और वार्ता से।

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