जगत जननी आदिशक्ति माँ दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि ममताम माँ दुर्गा अपने भक्तों का उद्धार करती हैं। वहीं दुष्टों का संहार करती हैं। उनके शरण और चरण में रहने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण हो जाती हैं।
अध्यात्म डेस्क। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरन माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि जगत जननी आदिशक्ति माँ दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि ममतामयी माँ दुर्गा अपने भक्तों का उद्धार करती हैं। वहीं, दुष्टों का संहार करती हैं। उनके शरण और चरण में रहने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण हो जाती हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं तो शारदीय नवरात्रि के दौरान रोजाना पूजा के समय माँ दुर्गा के 108 नामों का मंत्र जाप अवश्य करें,
जोकि इस प्रकार है।
सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, मन, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुंदरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा और ब्रह्मावादिनी।