— 150 स्व सहायता समूहों की महिला हितग्राही को प्रदान किए सहायता राशि के चेक
— नाबार्ड की एलईडीपी योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया यह कार्यक्रम
ग्वालियर। आधुनिक युग में तेजी से बदलती इस दुनिया में किसी भी संगठन के लिए सीखना और प्रशिक्षण निरंतर आवश्यक है। इससे इंसान स्वयं को उन्नत करता है जिससे उसमें आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है। महिलाओं के समूहों को दिया गया प्रशिक्षण उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है। जिससे घर,परिवार और समाज में संपन्नता के साथ ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। क्योंकि नारी की आत्मनिर्भरता से ही समाज व राष्ट्र का वास्तविक विकास संभव है। प्रमुख समाज सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय ने यह बात कही।
उन्होंने यह बात राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं एराइज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आजीविका उद्यम विकास कार्यक्रम (एलईडीपी) में महिला हितग्राही के सम्मान एवं चेक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड की महात्वाकांक्षी परियोजना एलईडीपी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में वरदान साबित हो रही है। इसके जरिए पशुधन पालन की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान विकसित कर मौजूदा आजीविका को मजबूत किया जा रहा है। ताकि पेशेवर तरीके से आय में वृद्धि की जा सके।
इससे पूर्व मुख्य आयोजक नाबार्ड के डीडीएम आशीष जे श्रीवास्तव ने परियोजना के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देकर महिलाओं को आगे आकर अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रमेंद्र सिंह राजावत ने संस्था के कार्य और उनकी प्रगति के साथ महिलाओं के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देकर महिलाओं को जागरूक किया।
मुख्य अतिथि पाण्डेय ने स्व सहायता समूहों की करीब डेढ़ सैकड़ा महिलाओं को चेक और प्रमाण-पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के सचिव मनोज सिंह राठौर ने किया। इस मौके पर रामकुमार शर्मा, रामगोपाल गुर्जर एवं सरपंच प्रेम बाई सहित पंचायत सचिव एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं स्व-सहायता समूह की महिलाएं मौजूद रहीं।