मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में जीत कर खास खिताब ग्वालियर का बढ़ाया दुनिया में मान
ग्वालियर। संगीत की नगरी ग्वालियर देश और दुनिया में अपनी नई पहचान बना रहा है। सौंद्रर्य प्रतियोगिताओं में भी शहर की प्रतिभाओं का जादू चल रहा है और वे अपने टैलेंट के दम पर शहर का मान बढ़ा रही हैं। कामयाबी की फेहरिस्त में और नया नाम जुड़ गया है सामान्य गृहणीं हेमलता जैन का। जब वे विदेशी धरती पर पहुंची तो उन्होंने 95 देशों की प्रतियोगियों के बीच अपने सौंद्रर्य और बौद्धिकता के मिश्रण से अपनी प्रतिभा का परिचय कराकर निर्णायकें का दिल जीत लिया।

50 वर्षीय हेमलता जैन ने इसी माह में फिलिपींस में आयोजित की गई अंतरराष्ट्रीय मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता’ में भाग लिया। हालांकि हेमलता मिसेज यूविवर्स का टाइटल हासिल नहीं कर सकीं लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में 97 देशों की प्रतिभागियों के बीच घरेलू हिंसा और अंगदान को लेकर अपनी बात रखी तो वे सभी के बीच छा गईं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। जिसका 95 फीसदी प्रतियोगियों ने समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंगदान सबसे बड़ा महादान है। क्योंकि हम अपनी जिंदगी जी चुके होते हैं उसके बाद हमारे ही ऑर्गन दूसरों को नई लाइफ देने का काम करते हैं तो फिर इस महान कार्य में क्यों पीछे रहा जाए।
उनकी इस सकारात्मक सोच ने निर्णायकों का दिल जीत लिया और वे बन गईं मिसेज यूनिवर्स एक्सक्विजिट खिताब की हकदार।
निर्णायक मंडल की टीम की सदस्य ने जब हेमलता के सिर पर ताज सजाकर एक्सक्विजिट का खिताब प्रदान किया तो दुनियाभर की प्रतिभागियों ने खुले दिल से उनका स्वागत किया। इस खिताब के साथ ही जहां हेमलता ने ग्वालियर का मान बढ़ाया वहीं देश की जन सेवा की सोच और नारी सम्मान के प्रति उनके भाव को दुनिया को दिखाया।

खिताब के जतन के बाद वतन आने पर शनिवार को इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए टाइटल प्राप्त होने पर मिलने वाली खुशी का इजहार किया।
उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी ट्रेनर मीनाक्षी माथुर को देते हुए कहा कि प्रतियोगिता के दौरान उनकी मौजूदगी ही मेरी सबसे बड़ी ताकत थी। वहीं मेरे लिए वरदान साबित हुई। क्योंकि उन्होंने ही हर कदम पर मेरा हौंसला बढ़ाया, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा और उसी की बदौलत मैं यह खिताब हासिल कर पाई।
उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता ने मेरे अंदर एक नई नारी को जन्म दिया है जो आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। अब में समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर अपने जिंदगी को सकारात्मक रूप दूसरों की सेवा के लिए जीना पसंद करूंगी।
PostedBy : विजय पाण्डेय