शादी से पहले ही तिरंगे में लिपटा लौटा लाल: नक्सली मुठभेड़ में MP के वीर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद

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शादी से पहले ही तिरंगे में लिपटा लौटा लाल: नक्सली मुठभेड़ में MP के वीर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले का बोहानी गांव गुरुवार को शोक में डूब गया, जब गांव के वीर बेटे और हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शहीद होने की खबर पहुंची। घर में जहां शादी की तैयारियां चल रही थीं, वहीं कुछ ही घंटों में तिरंगे में लिपटे आशीष शर्मा की खबर ने पूरे गांव की आंखें नम कर दीं।

राजनांदगांव में नक्सली मुठभेड़ में हुआ शहीद

इंस्पेक्टर आशीष शर्मा छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र सीमा पर राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना पर सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे। बुधवार को सघन जंगलों में नक्सलियों से उनकी टीम की मुठभेड़ हुई। इसी दौरान नक्सलियों की तरफ से हुई गोलीबारी में आशीष शर्मा को सीने, पेट और पैर में गोलियां लगीं। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने अंतिम सांस तक मोर्चा संभाले रखा और वीरगति प्राप्त की।

2016 बैच के प्लाटून कमांडर, तीन राज्यों की संयुक्त टीम का नेतृत्व

बोहानी गांव के रहने वाले आशीष शर्मा 2016 बैच के प्लाटून कमांडर थे। वह MP, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की संयुक्त नक्सल उन्मूलन टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उनके साथियों के अनुसार, आशीष हमेशा साहस और शौर्य की मिसाल रहे। राज्य के लिए उन्होंने कई सफल अभियान भी संचालित किए।

शादी की तैयारियों के बीच आई शहादत की खबर

परिजनों के मुताबिक, आशीष की शादी जनवरी महीने में तय थी। घर में उत्सव का माहौल था लेकिन शहादत की खबर ने सबकुछ बदल दिया। उनकी मां और पिता देवेंद्र शर्मा, जो किसान हैं, का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके परिचित बताते हैं कि आशीष न केवल बहादुर अधिकारी थे, बल्कि अत्यंत मिलनसार और सरल स्वभाव के इंसान भी थे।

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दो बार मिल चुका था वीरता पदक

कर्तव्य के दौरान असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए आशीष शर्मा को भारत सरकार द्वारा दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका था। उनकी कार्यशैली और नेतृत्व को हॉक फोर्स में विशेष सम्मान से देखा जाता था।

सीएम मोहन यादव ने दी श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर आशीष शर्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा “म.प्र. हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।”

गांव में शोक, पूरे प्रदेश में गर्व

शहीद आशीष शर्मा की वीरता और बलिदान ने पूरे मध्यप्रदेश को गर्व से भर दिया है। गांव में जनसैलाब उमड़ आया है, हर किसी की आंखों में आंसू और दिल में उनके प्रति सम्मान है। तिरंगे में लिपटा आशीष शर्मा हमेशा के लिए अमर हो गए।

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