चैंबर की चेतावनी
— प्रदेश के चारों महानगर भोपाल, इंदौर, जबलपुर से ज्यादा ग्वालियर में वसूला जा रहा है गार्बेज शुल्क
— होर्डिंग बेनर बोर्ड पर दिए गए नोटिस को स्थगित कर बिना परमिशन के वसूली करना जजिया कर के समान
— गार्बेज शुल्क को लेकर किए जा रहे आंदोलन की श्रृंखला में मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सांसद को सौंपा ज्ञापन
ग्वालियर। मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ग्वालियर गार्बेज शुल्क को कम करने की मांग को लेकर चरणवद्ध आंदोलन को धार दे रहा है। इसी क्रम में रविवार को चैंबर के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल के नेतृत्व में पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग रखीं। साथ ही समय सीमा में उन पर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा।

चैंबर के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर से ज्यादा गार्बेज शुल्क ग्वालियर में वसूला जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। गार्बेज शुल्क क़ी दरें युक्तियुक्त हों और जो शहरवासी गार्बेज शुल्क ज्यादा जमा कर चुके हैं, उनका समायोजन हो। वहीं अपनी जगह पर स्वयं के व्यापार के लिए बोर्ड,होर्डिंग, बैनर, दीवाल पर पेंट करके लिखवाना कोई अपराध नहीं है। ऐसे विज्ञापन के लिए बिना किसी पूर्व सूचना के लाखों रुपये के नोटिस भेजकर व ढोल बजाकर वसूली क़ी कार्यवाही करना जजिया कर और तुगलकी फरमान की तरह है। यदि विज्ञापन नियम के अंतर्गत अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है, तो नगर निगम पहले इसकी जानकारी दे और उसके बाद भी व्यापारी उचित प्रक्रिया नहीं अपनाता है तब जो भी आवश्यक कार्यवाही हो वह करे। वसूली के लिए ढोल बजाना व्यापार में अशुभ होता है और यदि यह कार्यवाही नहीं रोकी गई तो सड़कों पर आकर विरोध किया जायेगा।
चैंबर के पदाधिकारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सांसद श्री शेजवलकर के निवास पर पहुंचे और उन्हें गार्बेज शुल्क को युक्तियुक्त किए जाने तथा एमपी आउटडोर मीडिया नियम-2017 के तहत की जाने वाली कार्यवाही से पहले व्यापारियों को जागरूक किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
पदाधिकारियों का कहना था कि निगम व्यापारियों को सीधे नोटिस भेज रहा है। पेनाल्टी भी लगा रहा है।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि पहले व्यापारियों को जागरूक किया जाए और जो नोटिस दिये गये हैं, उन्हें वापिस लिया जाये। विज्ञापनों को हटाने के लिए व्यापारियों को 12 मार्च तक का समय दिया जाए।
सांसद ने प्रतिनिधिमण्डल की बातों को गंभीरता से सुना और निगमायुक्त को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आगामी परिषद क़ी बैठक में गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्त करण का स्पष्ट प्रस्ताव जाये, जिसमें युक्तियुक्तकरण के साथ जिन्होंने अधिक गारबेज शुल्क दिया है, उसका कैसे समायोजन होगा ? वह भी स्पष्ट हो, जिससे फिर कोई विसंगति शेष नहीं रह जाये।
सांसद से भेंट करने वालों में अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष हेमंत गुप्ता, मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल, कार्यकारिणी समिति-चैंबर सदस्यगण आशीष जैन, अरुण गुप्ता, दीपक जैन, शिवरतन सिधवानी, घनश्याम नागवानी, रवि मित्तल, मनोज भाटिया, श्याम रोहिरा, धर्मेश गुप्ता, मुकेश गोयल, अनूप साहू, अभिषेक चतुर्वेदी, सतीश गर्ग, दीपक श्रीचंद जैसवानी, ओमप्रकाश गुप्ता, संजय कुमार जैन, रमेश कुमार, अनिल आनंद, पुरुषोत्तम गुप्ता, नारायण बृजवासी, दिनेश अग्रवाल, वासुदेव आडवाणी, डॉ विनोद जैन, अभिषेक गोयल सनी, सुशांत सिंघल, विनोद गिड़वानी, अनिल दुबे, दीपक गर्ग, अजय कुमार जाजू, संतोख सिंह, संजय अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, गिरधारीलाल चावला, धर्मेंद्र जैन एवं माधव अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद थे।