17वें सिविल सेवा दिवस पर पीएम मोदी का प्रेरक संबोधन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी बयान देते हुए कहा कि “आज का निर्णय भारत के अगले 1000 वर्षों का भविष्य तय करेगा।” उन्होंने 2014 के बाद से देश में शुरू हुए व्यवस्था परिवर्तन को एक महायज्ञ की संज्ञा दी और कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में भारत को भी तेजी से खुद को ढालना होगा।
वैश्विक चुनौतियों पर पैनी नजर ज़रूरी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि हम सिर्फ आंतरिक सुधारों तक सीमित न रहें, बल्कि वैश्विक चुनौतियों पर भी हमारी नजर होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज के फैसले आने वाले हजार साल की नींव रख रहे हैं।
“यह नई सहस्त्राब्दी का 25वां वर्ष है, और आज हम जिन नीतियों और निर्णयों पर काम कर रहे हैं, वे भविष्य की दिशा तय करेंगे।”
प्रधानमंत्री पुरस्कार और ई-कॉफी टेबल बुक का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए चुने गए जिलों को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। साथ ही, ई-कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया, जिसमें नवाचार और समग्र विकास की कहानियों को शामिल किया गया है।
सिविल सेवकों के लिए सरदार पटेल की प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सेवकों को “स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया” कहा था। उन्होंने कहा कि एक सच्चा सिविल सर्वेंट वही होता है जो ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा को अपना सर्वोच्च कर्तव्य माने।
“आज हम संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं और यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती का वर्ष भी है – यह दिन इसलिए भी विशेष बन गया है।”
विकसित भारत के लक्ष्य की ओर “विकास रथ” को मिलकर चलाना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के किसान, युवा, महिलाएं, और आकांक्षी समाज आज नई ऊंचाइयों तक उड़ान भर रहे हैं। इन अभूतपूर्व सपनों को साकार करने के लिए हमें अभूतपूर्व गति से काम करना होगा।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा:
“विकसित भारत का सपना तभी पूरा होगा जब विकास रथ का हर चक्र, हर व्यवस्था, और हर नागरिक एक साथ आगे बढ़ेगा। हमें इस लक्ष्य के लिए हर क्षण काम करना है, हर दिन जिंदगी को खपाना है।”
भारत के भविष्य की नींव आज तैयार हो रही है
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण न केवल सिविल सेवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि पूरे देश के लिए एक दिशा-निर्देशक संदेश है। आज लिए जा रहे फैसले, आज अपनाई जा रही नीतियां – भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की राह पर स्थायी प्रभाव छोड़ने वाली हैं।