— प्रधानमंत्री ने मथुरा में मीराबाई के जन्मोत्सव पर जारी किया 525 रुपए का सिक्का
— हेमा मालिनी ने किया प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत, योगी संग किए श्रीकृष्ण के दर्शन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मथुरा में कहा कि यहां वही आता है जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। ये साधारण धरती नहीं है। ब्रज की रज भी पूरे संसार में पवित्र मानी जाती है। कण-कण में राधा और कृष्ण समाए हैं। विश्व के सभी तीर्थ यात्रा से जो लाभ मिलता है. यहाँ आने से सब मिल जाता है। मुझे मीराबाई की जयंती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं राधा कृष्ण के चरणों में नमन करता हूं। उन्होंने… मैं देरी से आने के लिए क्षमा चाहता हूं। राजस्थान के चुनावी मैदान से भक्ति के स्थान पर आया हूं। यह कहते हुए उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को मथुरा पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री मीराबाई के 525वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे, जहां अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने संत मीराबाई पर डाक टिकट का विमोचन किया। 525वीं जयंती पर 525 रुपए का सिक्का भी जारी किया।
कृष्ण की भक्ति में रम गईं हैं हेमा
मोदी ने कहा कि हेमा सांसद तो हैं, लेकिन कृष्ण की भक्ति में रम गईं हैं। मेरे लिए यहां आना एक और विशेष है। कृष्ण से मीराबाई तक का नाता गुजरात से रहा। कृष्ण द्वारिका जाकर द्वारकाधीश बने। मीराबाई भी द्वारिका रहीं। वे राजस्थान की थीं। जब गुजरात वालों को राजस्थान और उत्तर प्रदेश आने का मौका मिलता है तो वे सौभाग्य मानते हैं।
देश को दिशा देने वाला है नारी बल
प्रधानमंत्री ने कहा, मीराबाई ने कहा था कि धरती और आसमान के बीच जो भी दिखाई देता है उसका अंत निश्चित है। भारत के उस मुश्किल समय में दिखाया कि नारी का बल देश को दिशा देने वाला हो सकता है। वे महान समाज सुधारकों में से एक थीं। उनके पद आज भी प्रासंगिक है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi arrives in Mathura, Uttar Pradesh and offers prayers at Shri Krishna Janmabhoomi temple pic.twitter.com/By2D2sX9Bq
— ANI (@ANI) November 23, 2023
भारत भूमि की क्षमता है कि जब-जब चेतना कमजोर पड़ी उस समय एक कोने से निकला कोई योद्धा बना तो कोई संत बना। दक्षिण में रामानुजाचार्य हुए, गुजरात महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश सबसे संतों का संदेश और उद्देश्य एक ही था। मथुरा भक्ति आंदोलन का संगम रहा। अलग-अलग कोने से संत आए और चेतना फूंकी। संतों ने कहा वृंदावन सो वन नहीं नंदगांव सो गांव.. ये संस्कृति साहित्य और भक्ति का केंद्र रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस क्षेत्र को जो मिलना चाहिए था वो आजादी के बाद भी नहीं मिला। मैंने लाल किले के प्राचीर से ऐलान किया था, मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। भगवान के दर्शन और भी भव्य और दिव्य होंगे। पूरा क्षेत्र कान्हा की लीला से जुड़ा है। क्षेत्र अलग-अलग राज्य से आते हैं। केंद्र सबको जोड़कर विकास करेगा। जहां महाभारत होती है, वहां कृष्ण का आशीर्वाद होता है। हम इसी आशीर्वाद से विकास करेंगे। मीरा महोत्सव में भाग लेने आए मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए जन्मभूमि में श्रीकृष्ण के दर्शन करने पहुंचे