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तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ऊॅची उड़ान है MITS को मिली नैक की ग्रेडिंग

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माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक ) ने दी A++ की मान्यता जो बनेगी तकनीकी शिक्षा के परिवर्तन का प्रतीक

ग्वालियर। माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एमआईटीएस) ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद् (नैक ) की ए ++ ग्रेडिंग पाकर प्रदेशभर में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक एक नया कीर्तिमान रचा है। संस्थान भविष्य में इस तमगे के साथ प्रदेशभर में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन का प्रतीक बनेगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एक स्वायत्त संस्था है राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद् (नैक )। जिसका मुख्य एजेंडा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सात मानदंडो में गुणवत्ता की स्थिति” के लिए संस्थानों का मूल्यांकन करना और मान्यता देना है।

देश के किसी भी राज्य के विकास में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए, उच्च शिक्षा की मात्रा और गुणवत्ता दोनों अधिमूल्य हैं। नैक की स्थापना वॉलंटियरिग संस्थानों को आत्मनिरीक्षण और एक प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित मापदंडों के अनुसार उनके प्रदर्शन का आंकलन करने की सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है, जो संस्थान की भागीदारी के लिए जगह प्रदान करती है।
एमआईटीएस एक सरकारी सहायता प्राप्त यूजीसी स्वायत्त संस्थान है, जो आरजीपीवी, भोपाल से संबंद्धित है। जिसकी स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी, जो मध्यप्रदेश राज्य में सिंधिया इंजीनियरिंग कॉलेज सोसाइटी के माध्यम से गुणवŸा सुनिश्चित तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है।
हाल ही में, एमआईटीएस ग्वालियर को दूसरी चक्र के लिए संस्थागत मूल्यांकन और प्रत्यायन के लिए नैक ने पांच साल की अवधि के लिए ए++ ग्रेड और संस्थागत सीजीपीए 04 में से 3 . 53 प्रदान किया है।
इस ग्रेड को प्राप्त करने के बाद एमआईटीएस अब देश का एक मात्र संस्थान बन गया है। जिसने पांच साल की अवधि के अंदर छ।।B ग्रेड़िग के दो स्तारों (ए और ए++) को पार करके बी++ से ए++ तक का ग्रेड हासिल किया है, और मध्यप्रदेश राज्य मेंं ए++ ग्रेड वाला एकमात्र संस्थान बन गया है।
नैक मान्यता प्रदेश के समाज और संस्थानों, संकाय सदस्यों, अभिभावकों, छात्रों, पूर्व छात्रों के साथ-साथ नियोक्ताओं के लिए फायदेमंद है।

इस उच्चतम ग्रेडिंग से एमआईटीएस अनेक लाभ होंगे, जिसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।
— संस्थान अन्य राज्यों और देशों के छात्रों को आकर्षित करेगा।
— फंडिंग एजेंसियां रिसर्च और इनोवेशन के लिए फंडिग उपलब्ध करांएगी।
— संस्थान शिक्षाशास्त्र के नवचाचार और आधुनिक तरीकों के साथ अभिनव पाठ्यक्रम लागू करने में सक्षम होगा।
— वैश्विक स्तर पर नई दिशा और पहचान।
— डिग्री प्रमाणपत्रों को वैश्विक स्तर पर मान्यता।
— इंट्रा और अंतर-संस्थागत संपर्क में वृद्धि।
एमआईटीएस ग्वालियर की इस उपलब्धि से प्रदेश को भी होगा लाभ।
— मध्यप्रदेश राज्य में गुणवतापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना।
— राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान।
— वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में राज्य की विश्वसनीयता को बढावा।
— भविष्य के होने वाले एमओयू एवं समझौते में सहयोग।
— राज्य के सभी तकनीकी संस्थानों में निरंतर सुधार के लिए प्रोत्साहन।
— अनुदान और वित्त पोषण में लाभ।
— अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा।

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