✍️ अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को किया गया सम्मानित
ग्वालियर।
अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर होटल फॉर्चून प्लाजा एवेन्यू में आयोजित एक गरिमामयी कार्यक्रम में पत्रकारिता के महत्व और मीडिया की भूमिका को लेकर विचार साझा किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने कहा:
“मीडिया न केवल लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, बल्कि यह न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के साथ मिलकर देश को मजबूती प्रदान करता है।”
🏛️ मीडिया: लोकतंत्र का सजग प्रहरी
सांसद कुशवाहा ने मीडिया को “लोकतंत्र का सशक्त प्रहरी” बताते हुए कहा कि पत्रकार न केवल समाज की समस्याओं को उजागर करते हैं, बल्कि अपनी लेखनी से समाज को दिशा भी प्रदान करते हैं। उन्होंने आगे कहा:
“पत्रकार जब सरकार अच्छा काम करती है तब उसे सराहते हैं, और जब सरकार गलत करती है तब उसकी आलोचना भी करते हैं – यही सच्ची पत्रकारिता है।”
🏅 पत्रकारों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए कई वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया। उनकी निडरता, निष्पक्षता और जनहित में किए गए कार्यों की सराहना की गई।

“मीडिया न केवल लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, बल्कि यह न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के साथ मिलकर देश को मजबूती प्रदान करता है।”
🎙️ विशिष्ट वक्ताओं ने साझा किए विचार
कार्यक्रम में अनेक प्रमुख पत्रकार एवं मीडिया हस्तियों ने विचार साझा किए:
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आशीष अग्रवाल (प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा) ने कहा:
“पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व है। यह समाज की आंख, कान और आवाज़ है।”
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जयप्रकाश राजौरिया (जिलाध्यक्ष, भाजपा) ने कहा:
“एक स्वतंत्र और सतर्क मीडिया ही लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखता है।”
🗣️ प्रमुख संपादकों और पत्रकारों की उपस्थिति
इस गरिमामयी कार्यक्रम में शहर के प्रमुख संपादकों और पत्रकारों ने भी भाग लिया और अपने विचार साझा किए:
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अर्पण राउत (संपादक, पीपुल्स समाचार)
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असद कुरैशी (प्रधान संपादक, आचरण)
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प्रदीप मांडरे (संपादक, ग्वालियर हलचल)
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जावेद खान, योगेंद्र सेन, नासिर गौरी, राज दुबे, विनोद शर्मा, हरीश चंद्रा, गीता पाण्डेय सहित अन्य पत्रकारों की उपस्थिति रही।
📷 समारोह की झलकियों और सम्मान समारोह की तस्वीरें जल्द वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
📌 लेखक की टिप्पणी:
पत्रकारिता एक मिशन है, न कि केवल व्यवसाय। प्रेस की स्वतंत्रता न केवल अभिव्यक्ति की आज़ादी है, बल्कि वह लोकतंत्र का आत्मा है।