काठमांडू। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कार्यभार संभालने के बाद बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए Gen-Z आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिजनों को 10-10 लाख नेपाली रुपये का मुआवजा मिलेगा। हिंसा में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक भारतीय महिला भी शामिल थी।
कार्की बोलीं– 6 महीने में चुनाव कराकर सत्ता छोड़ दूंगी
अंतरिम पीएम सुशीला कार्की ने साफ कहा कि वह 6 महीने से अधिक सत्ता में नहीं रहेंगी और नवनिर्वाचित संसद को सत्ता सौंप देंगी। 12 सितंबर को पदभार ग्रहण करने के बाद उन्हें 5 मार्च 2026 को आम चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
हिंसा में बेघर हुए तीन पूर्व प्रधानमंत्री
Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने 9 सितंबर को पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के घरों में आग लगा दी थी। इसके बाद ये तीनों पूर्व प्रधानमंत्री फिलहाल आर्मी कैंपों में शरण ले रहे हैं। इनके समर्थक अब इनके लिए किराए के मकान ढूंढने में जुटे हैं।
नए मंत्रिमंडल पर मंथन
कार्की करीब 15 मंत्रियों वाला नया मंत्रिमंडल बनाने पर विचार कर रही हैं। जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, रिटायर्ड जज आनंद मोहन भट्टराई, ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घीसिंग और कई वरिष्ठ डॉक्टर शामिल हैं।
Gen-Z के सदस्य भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं और इसके लिए ऑनलाइन वोटिंग की जा रही है। संभावना है कि मंत्रिमंडल रविवार शाम तक शपथ ले सकता है, हालांकि इसे सोमवार तक टाला भी जा सकता है।
Gen-Z का रुख
Gen-Z नेताओं ने साफ किया है कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उसकी निगरानी जरूर करेंगे। दूसरी ओर, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग करने की घोषणा की थी, जिस पर UML पार्टी ने विरोध जताया और सड़कों पर उतरने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
- PM नरेंद्र मोदी ने कार्की की नियुक्ति को महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बताया और कहा कि नेपाल की जनता ने मुश्किल समय में लोकतंत्र पर भरोसा जताया है।
- चीन ने कार्की को बधाई देते हुए नेपाल में शांति बहाली की उम्मीद जताई।
- बांग्लादेश ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि वह नेपाल की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।