परशुराम सेना ने स्वाधीनता संग्राम के महानायक की मनाई जयंती
ग्वालियर। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (राष्ट्रीय) एवं परशुराम सेना के संयुक्त तत्वावधान में महारानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महानायक मंगल पाण्डेय की जयंती मनाई गई।
संगठन के संरक्षक एवं प्रमुख समाज सेवी डॉ. केशव पाण्डेय ने कहा कि
बलिया जिले के नगवा गांव के ब्राह्मण कुल में जन्मे मंगल पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश को विश्व में गौरवांवित कर दिया। उन्होंने महज 22 वर्ष की आयु में 1849 में अंग्रेजी सेना में भर्ती होकर अपने फौलादी इरादों को जाहिर कर दिया था।
क्रांतिकारी विचारधारा के चलते उनका अपनी सेना के कमांडर से ही टकराव हो गया। कारण बनी एक बंदूक, क्योंकि बंदूक भरने के लिए कारतूस को दांतों से काटकर खोलना पड़ता था और कारतूस के बाहरी आवरण में चर्बी होती थी जो कि सीलन से बचाती थी। सिपाहियों के बीच अफवाह फैल गई कि कारतूस में लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनाई जाती है। इसी बात को लेकर मंगल पाण्डेय ने विद्रोह कर रेजीमेंट के अफसर बाग पर हमला कर दिया।
उन्होंने सेना से बगावत करने के लिए भी कहा। उन्हें गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई। उनकी फांसी के बाद बगावत की चिंगारी पूरे भारत में फैल गई और अंग्रेजों को लगने लगा कि अब यहां शासन करना आसान नहीं है। स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी को उनकी जयंती पर सादर नमन करता हूँ। साथ ही युवाओं से आग्रह करता हॅू कि वे पंडित रामप्रसाद विस्मिल और मंगल पाण्डेय जैसे अमरशहीदों को अपना आदर्श मानें।
परशुराम सेना प्रदेश अध्यक्ष पंडित भगवती प्रसाद शुक्ला ने कहा कि महासभा की युवा इकाई परशुराम सेना अब ब्राह्मण समाज के महापुरुष , क्रांतिकारी , स्वतंत्रता सेनानियों की जयंती और पुण्यतिथि मनाकर समाज को सकरात्मक संदेश देकर युवाओं को उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व से परिचित कराकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
ेकार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष आकाश शर्मा एवं आभार व्यक्त सागर शर्मा ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ समाज सेवी पंडित जयवीर भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, सोनू वाजपेयी, नितिन मिश्रा, सागर शर्मा, संदीप शर्मा, आकाश शर्मा, राहुल त्रिपाठी, गोलू पाठक, आशुतोष अवस्थी एवं बालेंद्र शर्मा मौजूद थे।