सर्व धर्म समभाव की बात करते हुए ममता बनर्जी ने भाजपा पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि “हम सर्व धर्म समभाव में विश्वास करते हैं।” उन्होंने कहा कि वह रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं में आस्था रखती हैं और सभी धर्मों का सम्मान करना हमारी परंपरा है।
उन्होंने भाजपा को चेताते हुए कहा, “अगर भाजपा की बातों से कोई बंगाल में अशांति फैलाने की कोशिश करता है, तो आप सब उसे नियंत्रित करें।”
भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति पर ममता का आरोप
ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि रामनवमी के दौरान दंगे कराने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह विफल रही। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “मैं समाज को बांटने नहीं दूंगी। हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं।”
उन्होंने दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा यह झूठ फैलाती है कि पश्चिम बंगाल में इन्हें मनाने नहीं दिया जाता। “घर-घर में सरस्वती पूजा होती है, फिर भी वे कहते हैं कि हम ऐसा नहीं करने देते। यही उनकी राजनीति है।”
केंद्र सरकार से जनविरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल किया गया, तो वह सभी जनविरोधी विधेयकों को वापस लेंगी। उन्होंने सभी धर्मगुरुओं से अपील की कि वे जनता के बीच जाकर एकता और भाईचारे का संदेश फैलाएं।
वक्फ कानून और हिंसा पर टीएमसी का रुख
मुख्यमंत्री ने मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि यदि टीएमसी हिंसा में शामिल होती, तो उनके नेताओं के घरों पर हमले नहीं होते। उन्होंने साफ किया कि टीएमसी संसद में वक्फ कानून के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रही है।
उन्होंने भाजपा समर्थित मीडिया समूहों पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि बंगाल को बदनाम करने के लिए अन्य राज्यों की हिंसा के वीडियो यहां के नाम पर प्रसारित किए जा रहे हैं।
मोदी और अमित शाह पर सीधा हमला
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को अमित शाह पर लगाम लगानी चाहिए। मैं उनसे अपील करती हूं कि वे किसी भी अत्याचारी कानून को अनुमति न दें।”
निष्कर्ष: बंगाल में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का आह्वान
ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगी और बंगाल में सामाजिक एकता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से मिलकर शांति और सौहार्द का माहौल बनाए रखने की अपील की।