लोकसभा में महिला बिल आरक्षण पर चर्चा के दौरान सोनिया गॉधी, स्मृति ईरानी, सुप्रिया सुले, महुआ मोइत्रा और डिंपल यादव ने रखी अपनी बात
नई दिल्ली,एजेंसी। संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ़महिला आरक्षण बिल नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा जारी रही। सर्व प्रथम कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। उनके बाद सोनिया गांधी ने 10 मिनट तक अपनी बात कही। चर्चा के दौरान ही कांग्रेस नेता राहुल गॉधी ने महिला आरक्षण बिल में ओबीसी आरक्षण देने की बात कर मुद्दे को गर्मा दिया। उनके अलावा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बगैर कहा मुस्लिम आरक्षण मांगने वालों को मैं बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उसमें ना फंसें।

सोनिया बोलीं तुरंत अमल में लाएं विधेयक : सपा-एनसीपी की ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण की मांग को लेकर सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में एसटी, एससी व ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और सपा सांसद डिंपल यादव ने भी बिल में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की।
राजीव गॉधी लाए थे सबसे पहले बिल
सोनिया ने कहा स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून सबसे पहले मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया। इसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुईं महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा।
इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ मोदी का बिल है, जिसने गोल किया, नाम उसी का होता है। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। सुप्रिया सुले बोलीं देश में बाढ़ आ रही है, स्पेशल सेशन क्यों बुलाया। सुप्रिया ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व भाजपा प्रमुख ने मुझसे टीवी पर कहा था कि सुप्रिया सुले तुम घर जाओ, खाना बनाओ। देश कोई और चला लेगा। भाजपा इस पर जवाब दे।
उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन होने तक महिला आरक्षण को लागू नहीं किया जा सकता। फिर इसके लिए स्पेशल सेशन क्यों बुलाया गया। इसे विंटर सेशन में भी पास कर सकते थे। देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ रही है, इस समय सेशन बुलाने की क्या जरूरत है।
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