मुख्यमंत्री ने श्री अष्ट महालक्ष्मी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होकर वैभव की देवी के दर्शन कर कहा धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में स्थापित होगा जौरासी
— विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने भी दर्शन कर की प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना
ग्वालियर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक अनुष्ठान का महापर्व चल रहा है। जिसके तहत अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। साथ ही अवध से अरब तक भारत की सांस्कृतिक ध्वजा लहरा रही है। सनातन संस्कृति की इसी गौरवशाली परंपरा के अनुसार ग्वालियर जिले के जौरासी में अष्ट महालक्ष्मी के अद्भुत एवं भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है।
मुख्यमंत्री यादव बुधवार को जौरासी में नवनिर्मित श्री अष्ट महालक्ष्मी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए । इस दौरान उन्होंने जौरासी हनुमान मंदिर एवं अष्ट महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की प्रगति और खुशहाली की कामना की। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी महोत्सव में मौजूद रहे।

अद्भूत मंदिर का हुआ है निर्माण
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जौरासी में प्रदेश ही नहीं देश के अद्भुत एवं भव्य अष्ट महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण हुआ है। इसकी स्थापत्य कला मनोरम व शांति दायक है। उन्होंने कहा कि जौरासी ऊर्जा व शांति से परिपूर्ण धर्म व आध्यात्म का क्षेत्र है। निश्चय ही यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित होगा। यह मंदिर हम सबके जीवन में खुशियाँ लेकर आयेगा।
मंदिरों के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने पुराने मंदिरों की महत्ता को स्थापित करने के लिये मंत्रिमण्डलीय उप समिति का गठन किया गया है। इस समिति के निर्देशन में प्रदेश भर के मंदिरों को सूचीबद्ध कर धर्मस्व, राजस्व एवं पर्यटन इत्यादि विभागों के सहयोग से इनका जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कर उनकी महत्ता स्थापित की जायेगी।

हनुमानजी मंदिर जौरासी न्यास के अध्यक्ष सुरेश चतुर्वेदी व सचिव प्रेम सिंह भदौरिया, भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण कौशल शर्मा, लोकेन्द्र पाराशर व वीरेन्द्र जैन ने अतिथियों का स्वागत किया।

14 करोड़ में बना है मंदिर
श्री हनुमानजी मंदिर जौरासी न्यास द्वारा लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर का निर्माण कराया गया है। ग्वालियर क्षेत्र के निवासी लम्बे समय से अष्ट महालक्ष्मी मंदिर की स्थापना की प्रतीक्षा कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में भगवान शनिदेव व सूर्य भगवान के भव्य मंदिर हैं। इसलिए संतुलन व शांति के लिए महालक्ष्मी का मंदिर होना आवश्यक है। क्षेत्रवासियों की यह अभिलाषा अब पूरी हो गई है। जौरासी में नवनिर्मित भव्य मंदिर में आदि लक्ष्मी यानि महालक्ष्मीजी जी के साथ लक्ष्मीजी के आठ रूप अर्थात धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, सन्तान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, भाग्य लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी व विद्या लक्ष्मी की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है।
PostedBy : विजय पाण्डेय