🗞️ डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने दी सफाई, जानिए क्या कहा
मध्यप्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चाओं में हैं। जबलपुर में आयोजित सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ऐसा कुछ कह दिया जिससे राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा हो गया। कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और माफी की मांग की। विरोध के बढ़ते स्वर के बीच अब डिप्टी सीएम देवड़ा ने अपनी सफाई पेश की है।
📍 क्या कहा था डिप्टी सीएम ने?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवड़ा ने कहा:
“आज पूरा देश, देश की सेना और हमारे सैनिक भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने हाल ही में पहलगाम अटैक का बदला जिस तरह लिया, वह काबिल-ए-तारीफ है। इस बयान पर कार्यक्रम स्थल पर तालियों की गूंज सुनाई दी, लेकिन इसके बाद विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े कर दिए।
🔥 कांग्रेस ने जताई आपत्ति, मांगी माफी
कांग्रेस ने इस बयान को लेकर कड़ी नाराज़गी जाहिर की। प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा:
“तीनों सेनाओं को मोदी के सामने नतमस्तक बताना पूरी तरह से गलत है। क्या हम सवाल भी न पूछें? सेना किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, संविधान के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि देवड़ा का बयान सेना की गरिमा और उसकी तटस्थता को ठेस पहुंचाने वाला है। कांग्रेस ने बयान वापस लेने और माफी मांगने की मांग की है।
🧾 डिप्टी सीएम ने दी सफाई – “बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया”
बढ़ते विवाद को देखते हुए डिप्टी सीएम देवड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“मेरे बयान को कांग्रेस गलत तरीके से पेश कर रही है। मैंने कहा था कि देश की जनता और सेना उन जवानों को नमन करती है, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अदम्य साहस दिखाया। मेरी भावना देश की सेना के लिए सम्मान की थी, न कि किसी राजनीतिक व्यक्ति के लिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि:
“सेना देश की रक्षा करती है, सीमाओं पर लड़ती है, और देश की जनता उसके चरणों में नतमस्तक है – मेरा आशय यही था। लेकिन मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर राजनीतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
⚔️ बयान की पृष्ठभूमि – पहलगाम हमला और जवाबी कार्रवाई का ज़िक्र
देवड़ा ने अपने बयान में पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा:
“जो पर्यटक मारे गए, उनके धर्म पूछकर उन्हें मारा गया। महिलाओं और बच्चों के सामने गोली चलाई गई। जब तक उन दरिंदों को मिटा नहीं देते, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। इस निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद।”
🧭 क्या कहते हैं सियासी संकेत?
यह बयान आने वाले चुनावी माहौल में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। जहाँ भाजपा इसे राष्ट्रवाद और सुरक्षा का प्रतीक मान रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिकरण और सेना के अपमान के रूप में देख रहा है।
📌 क्या यह बयान बनेगा सियासी मोर्चे का अगला मुद्दा?
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बयान ने एक बार फिर राजनीति और सेना के रिश्ते को बहस के केंद्र में ला खड़ा किया है। बयान की मंशा चाहे जो भी रही हो, लेकिन अब यह देश की राजनीति में नया मोड़ लाने वाला है — देखना होगा कि आने वाले दिनों में इसका कितना असर दिखाई देता है।