मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने दवाओं की सप्लाई पर बारकोड सिस्टम लागू किया है। अब किसी भी दवा का बारकोड स्कैन करते ही उसकी पूरी जानकारी सामने आ जाएगी — किस दिन सप्लाई हुई, किस अस्पताल में पहुंची, कितना स्टॉक बचा है और कितनी दवा वितरित हो चुकी है।
यह व्यवस्था GS-1 सिस्टम पर आधारित है और खास बात यह है कि इस पर सरकार का कोई खर्च नहीं आएगा, क्योंकि बारकोड लगाने का काम कंपनियां खुद करेंगी।
इस सिस्टम से दवाओं की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी। एक्सपायरी डेट नजदीक आने वाली दवाओं को समय रहते दूसरे केंद्रों पर भेजा जा सकेगा। अगले चरण में यह भी पता लगाया जा सकेगा कि कौन सी दवा किस मरीज को दी गई, जिसके लिए मरीज का मोबाइल नंबर और पता रिकॉर्ड में रहेगा।
यह पहल छिंदवाड़ा रेप कांड जैसी घटनाओं से सबक लेकर की गई है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोका जा सके। वहीं, केंद्र सरकार भी जल्द नया कानून लाने की तैयारी में है, जिसके तहत CDSCO को नकली दवाओं पर सीधी कार्रवाई का अधिकार मिलेगा और देशभर में हर दवा पैक पर डिजिटल QR कोड अनिवार्य किया जाएगा।