सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि न्याय हमारी आत्मा में बसना चाहिए और न्याय प्रणाली की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए…
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अभियोजन अधिकारियों की न्याय प्रणाली में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। न्यायालय, पुलिस और अभियोजन मिलकर पीड़ित को न्याय दिलाते हैं। न्यायालय, शासन, प्रशासन और अभियोजन के आपसी समन्वय से ही पीड़ितों को न्याय मिलेगा और प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। अभियोजन अधिकारी विधिक प्रक्रियाओं, अभियोजन कार्यों और न्यायिक प्रणाली की बारीकियों से अवगत हों, जिससे वे अपने दायित्वों को कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात शनिवार को कान्हासैंया स्थित केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में 210 से अधिक नवनियुक्त सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कही।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस जेके माहेश्वरी, मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत एवं मप्र हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विवेक अग्रवाल के साथ दीप प्रज्जवलित कर इस 45 दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
जरूरतमंदों को दिलाएं न्याय
मुख्यमंत्री ने अपने अध्यक्षयीय उद्बोधन में कहा कि देश में सुशासन स्थापित करने में हमारी माननीय न्यायपालिका की अत्यंत सराहनीय भूमिका है। लोक अभियोजन अधिकारियों के पास यह स्वर्णिम अवसर है कि वे पीड़ितों और जरूरतमंदों को अपनी युवा ऊर्जा, अपने बौद्धिक ज्ञान, मेधा और क्षमता से तत्परतापूर्वक न्याय दिलाएं। न्यायपालिका के आदेशों का अक्षरशः पालन कराना ही वास्तविक सुशासन है। न्यायपालिका की मदद और मार्गदर्शन से देश में लोकतंत्र की परंपरा और मजबूत हुई है।
न्याय पाना सबका अधिकार
मुख्य अतिथि जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि न्याय पाना सबका अधिकार है। यह हमारा मानवीय अधिकार भी है। न्याय पाने की मंशा हमारी आत्मा में, हमारे दिलों में बसना चाहिए। सम्राट विक्रमादित्य ने भी अपनी न्याय प्रणाली से सबके दिलों में न्याय प्रणाली के प्रति आस्था जागृत की थी। सरकार की महिमा उसकी न्याय प्रणाली की बेहतरी से ही दृष्टिगोचर होती है। नवनियुक्त सहायक लोक अभियोजन अधिकारी अपने कौशल को सुधारें और न्याय प्रणाली की बेहतरी के लिए काम करें।
न्याय प्रणाली प्राथमिक कड़ी
विशेष अतिथि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कैत ने कहा कि अभियोजन अधिकारी न्याय प्रणाली की प्राथमिक कड़ी हैं। वे जो साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे, उसी से केस की मजबूती तय होगी। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में मजबूत साक्ष्य लेकर आने की जिम्मेदारी अभियोजन की होती है। इसीलिए पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अभियोजन अधिकारी समर्पित होकर अपने कर्तव्य को अंजाम दें।
दोषियों को दिलाएं सजा
विशिष्ट अतिथि जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि लोक अभियोजक समाज में न्याय और परिवर्तन लाने के ध्वजवाहक हैं। दोषियों को सजा दिलाने में उनकी अहम भूमिका होती है। अभियोजन की सफलता में परफेक्शन जरूरी है, इसलिए नए अभियोजन अधिकारी अपने ज्ञान को अपडेट करें, संवेदनशील बनें, प्रलोभन से बचें और अपने पद एवं आचरण की शुचिता बनाए रखकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाना एक राजधर्म भी है और पुण्यकर्म भी। अभियोजन अधिकारियों को यह समझना होगा और अपनी कार्यप्रणाली से यह करके दिखाना होगा।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया ने सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम की उद्देश्यिका एवं संक्षेपिका का प्रस्तुतिकरण किया।
संचालक अभियोजन बीएल प्रजापति ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि यह नवनियुक्त अधिकारियों का बेसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जिससे प्रशिक्षुओं में अपने कार्य और इसकी बारीकियों के प्रति एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। प्रशिक्षित होकर यही अधिकारी अभियोजन का पक्ष मजबूती से रखेंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य नरेन्द्र प्रताप सिंह, केन्द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के संचालक अनिल किशोर यादव, प्रिसिंपल डिस्ट्रिक्ट जज भोपाल मनोज श्रीवास्तव, जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण, अभियोजन विभाग के अधिकारीगण तथा प्रशिक्षु सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों को अभियोजन विभाग द्वारा स्मृति चिन्ह भी दिया गया।