एजुकेशन न्यूज : विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने लेने वाले स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से करनी होगी क्षेत्रिय एवं विदेशी भाषा की पढ़ाई
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में अगले साल से बीबीए में भारतीय संविधान पढ़ाया जाएगा। विद्यार्थियों को अनिवार्य विषय के रूप में रीजनल, फॉरेन लैंग्वेज भी पढ़ना होगी। रिसर्च प्रोजेक्ट भी अब एक साल का होगा। यह पांचवे सेमेस्टर में शुरू होगा और छठे सेमेस्टर तक चलेगा। इसके अलावा छात्रों को इंडियन नॉलेज सिस्टम और मीडिया लिटरेसी का भी विकल्प मिलेगा। ऑल इंडिया कांउसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने इसका सिलेबस जारी कर दिया है।
नया सिलेबस लागू तो नए सत्र से किया जाना था, लेकिन शिक्षा विभाग मप्र ने नए सत्र 2024-25 से बीबीए जैसे कोर्स को एसआईसीटीई के दायरे में शिफ्ट किए जाने के बजाय अपने ही दायरे में ही रखने का निर्णय लिया है। अगले सत्र से यह बदलाव लागू होगा।
बीबीए कोर्स के लिए नई पॉलिसी
एआईसीटीई ने हाल ही में बीबीए व बीसीए को अपने दायरे में शामिल किया है। उसी के तहत बीबीए के लिए यह पॉलिसी बनाई गई है। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत वोकेशनल विषय के बजाय वैल्यू एडिशन सब्जेक्ट रहेंगे। इसमें स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट, पब्लिक हेल्थ के साथ ही एआई एंड बिजनेस जैसे आज दौर के विषयों के विकल्प दिए जाएंगे। इसके अलावा स्किल एन्हांसमेंट विषय जैसे एस्ट्रोफिजिक्स, एस्ट्रोनॉमी, मैथमेटिकल मॉडलिंग, जीपीएस टेक्नोलॉजी, आरएस सिस्टम, डिजिटल सिस्टम और रिमोट सेंसिगं भी रहेगे। एक साल का रिसर्च प्रोजेक्ट की शुरूआत पांचवे सेमेस्टर से होगी और छठे सेमेस्टर तक चलेगी। इसके अलावा छात्र को लाइव प्रोजेक्ट भी करना होगा। इसके लिए उन्हें फील्ड में जाना होगा। इस दौरान मॉडल प्रोजेक्ट भी बनाना होगा।
स्पेशलाइजेशन में इंटरनेशनल बिजनेस
बीबीए में पहली बार स्पेशलाइजेशन विषयों में इंटरनेशनल बिजनेस, बिजनेस एनॉलिटिक को भी जोड़ा गया है। अभी तक फायनेंस, मार्केटिंग आदि शामिल थे। कॉलेजों के प्रोफेसरों का कहना है कि बीबीए के लिए एआईईसीटीई ने जो सिलेबस व स्कीम जारी की है, उसमें बहुत कुछ बदलाव है। इनका फायदा स्टूडेंट को मिलेगा। इस बार जो बदलाव हुए हैं, उसमें सबसे अहम रिसर्च को लेकर है। विद्यार्थियों को कोर्स के दौरान एक साल तक रिसर्च करनी होगी।
Posted By : विजय पाण्डेय