— जीवाजी विश्वविद्यालय में ज्ञान प्रणाली और पुस्तकालय में नई प्रौद्योगिकियां विषय पर आयोजित की जा रही है तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
— संगोष्ठी के दूसरे दिन पुस्तकालय में डाटा प्रसार और डिजिटल तकनीकी के नवाचार पर देश भर के विषय विशेषज्ञों ने व्यक्त किए अपने विचार
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आफ एकेडमिक लाइब्रेरीज के दूसरे दिन प्रथम सत्र की शुरूआत डॉ.केएल महावर व डॉ.दिनेश कुमार सक्सेना व पुस्तकालय विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफेसर हेमंत कुमार शर्मा के उदबोधन से हुई। पहले सत्र का विषय “ग्रंथालय में डाटा प्रसार और डिजिटल तकनीकी के नवाचार“था।
प्रथम प्रस्तुतिकरण ऑनलाइन माध्यम से जुड़े प्रोफेसर आरसी गौर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो “विकसित भारत हेतु शैक्षणिक पुस्तकालयों में बदलाव व सुधार“ के विषय पर आधारित था। इसी क्रम में अन्य शोधार्थियों के रूप में आईआईआईटीएम के उप कुलसचिव गोपाल सिंह जादौन, एमआईटीएस महाविद्यालय के ग्रंथालय पवन कुमार शर्मा, तापस पाल, मिस्बाह-उल-हुदा व नवदीप तिवारी पुस्तकालय पेशेवरों व छात्रों के द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पुस्तकालय विज्ञान संकाय से जुड़े विशेषज्ञों और विद्वानों द्वारा छात्रों के मार्गदर्शन हेतु उद्बोधन दिए गए।
जिसमें मुख्य रूप से प्रोफेसर बीपी खरे, प्रो.जेएन गौतम, डॉ.अनिल धीमान, कार्यक्रम में श्रीलंका से आए विद्वान टी. प्रतीपन, डॉ. दिनेश कुमार सक्सेना व रानी लक्ष्मीबाई विश्वविद्यालय झांसी के कुलसचिव शिवपाल सिंह कुशवाह द्वारा पुस्तकालय विज्ञान संकाय से संबंधित विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया। इसमें उन्होंने पुस्तकालय विज्ञान की नई अवधारणा, तकनीकियों, प्रयोग व परिस्थितियों से छात्रों को जागरूक करते हुए डाटा के प्रचार-प्रसार पर तकनीकी विस्तार को रेखांकित किया।
एआई स्पेशलिस्ट डॉ. हरकवल सिंह बेदी भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े जिन्होंने ग्रंथालयों के क्षेत्र में एआई की उपयोगिता विषय को एक नई दृष्टि देने का कार्य किया।
तीसरे सत्र को पैनल डिस्कशन के रूप में आयोजित किया गया। जिसमें एमएलबी कॉलेज से पधारे जितेंद्र श्रीवास्तव, विवेक तिवारी, गोपाल सिंह जादौन व पवन शर्मा के रूप में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संकाय से जुड़े वरिष्ठ पेशेवर सम्मिलित हुए जिन्होंने इस क्षेत्र के पेशेवर कार्यों को एक नए दृष्टिकोण के साथ में छात्रों के बीच में रखने का कार्य किया व पुस्तकालय पेशेवरों की बदलती भूमिकाओं पर प्रकाश डाला।
सोमवार को होगा समापन
तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन 24 मार्च सोमवार को आईआईआईटीएम के निदेशक डॉ. एसएन सिंह के मुख्य आतिथ्य में होगा। जबकि आईआईटीटीएम के निदेशक डॉ. आलोक शर्मा, सहायक संचालक उच्च शिक्षा विभाग प्रो.कुमार रत्नम व शिक्षाविद पंकज नावडे़ विशिष्ट अतिथि होंगे। अध्यक्षता जेयू के कुलगुरु प्रो. राजकुमार आचार्य करेंगे।