ITR रिफंड में देरी? जानिए वजहें और पैसे जल्दी पाने का तरीका

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ITR रिफंड में देरी? जानिए वजहें और पैसे जल्दी पाने का तरीका

फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की डेडलाइन पूरी हो चुकी है। अब लाखों टैक्सपेयर्स अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। आमतौर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 2 से 3 हफ्तों में रिफंड जारी कर देता है, लेकिन कई मामलों में इसमें देरी हो रही है। यदि आपका रिफंड भी अटका है, तो इसकी वजह और समाधान समझना ज़रूरी है।

रिफंड में देरी की प्रमुख वजहें

1. जांच में देरी

यदि आपका रिफंड ₹20,000 या उससे अधिक है, तो इनकम टैक्स विभाग ऐसे मामलों की मैन्युअल और AI आधारित जांच करता है। बिजनेस इनकम, ज्यादा डिडक्शन क्लेम और विदेशी आय वाले रिटर्न भी अतिरिक्त जांच के दायरे में आते हैं। इस कारण रिफंड प्रोसेस में समय लग सकता है।

2. ई-वेरिफिकेशन न होना

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ITR फाइल करने के बाद 30 दिन के भीतर ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो रिटर्न अधूरा माना जाएगा और रिफंड प्रोसेस ही शुरू नहीं होगा।

3. गलत बैंक डिटेल्स

रिफंड उसी बैंक अकाउंट में भेजा जाता है जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर प्री-वैलिडेटेड हो। IFSC कोड, अकाउंट नंबर गलत डालना या नाम का PAN से मेल न खाना, ये सब रिफंड रुकने की बड़ी वजहें हैं। कई बार ITR में दिए गए बैंक अकाउंट के बंद हो जाने से भी समस्या आती है।

4. डेटा मिसमैच

ITR में दी गई जानकारी और फॉर्म 26AS या AIS में दर्ज TDS/इनकम का डेटा मेल न खाने पर भी रिफंड रोक दिया जाता है। ऐसे मामलों में टैक्स डिपार्टमेंट क्लियरेंस के बाद ही रिफंड जारी करता है।

ध्यान रखें: नियम के अनुसार यदि रिफंड में देरी होती है, तो विभाग 0.5% प्रति माह की दर से ब्याज भी देता है।

रिफंड में देरी होने पर क्या करें?

1. स्टेटस चेक करें

आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर PAN और पासवर्ड से लॉगिन करें। E-File → Income Tax Returns → View Filed Returns में जाकर रिफंड स्टेटस देखें।

2. ई-वेरिफिकेशन सुनिश्चित करें

यदि 30 दिन के भीतर ई-वेरिफिकेशन नहीं किया है तो तुरंत करें। आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिमैट अकाउंट से भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

3. बैंक अकाउंट डिटेल्स जांचें

पोर्टल पर यह सुनिश्चित करें कि बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड है। अगर “Refund Failed” दिख रहा है, तो अकाउंट डिटेल्स अपडेट करें और रिफंड री-इश्यू के लिए रिक्वेस्ट डालें।

4. नोटिस का जवाब दें

अगर विभाग की तरफ से कोई नोटिस या स्पष्टीकरण मांगा गया है, तो समय पर जवाब दें। देरी करने पर रिफंड प्रक्रिया लंबी हो सकती है।

5. शिकायत दर्ज करें

अगर सब कुछ सही होने के बावजूद 3 महीने से अधिक समय हो गया है, तो ई-निवारण पोर्टल (e-Nivaran Portal) पर शिकायत दर्ज करें। इससे विभाग सीधे आपकी समस्या को ट्रैक करेगा।

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