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तरक्की की राह पर ग्लोबल होता ग्वालियर

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–रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव ग्वालियर-चंबल अंचल में औद्योगिक विकास के साथ ही खोलेगी समृद्धि के नये द्वार…ग्लोबल ग्वालियर की राह दिखाएगी

डॉ. केशव पाण्डेय
28 अगस्त को ग्वालियर में औद्योगिक विकास का नया सवेरा होगा… उम्मीद है कि इस दिन कारोबार की नई इबारत लिखी जाएगी। इन्वेस्टर्स मीट और वायर-सेलर्स मीट के 16 साल बाद रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन उम्मीद की नई किरण लेकर आ रही है। यह ग्वालियर का प्रतिष्ठित इवेंट है।यह एक दिन का इवेंट नहीं शहर की शो केसिंग है। कॉन्क्लेव लोगों को एक मंच पर इकठ्ठा करने का जरिया है। जहां वे एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे और अपने विचारों का आदान-प्रदान कर अपने हुनर और नवाचारों को प्रदर्शित करेंगे। करीब पांच हजार करोड़ के निवेश से इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा।

—-राज्य में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने वाले उद्योग, वाणिज्य और रोजगार विभाग के अंतर्गत शासन का प्रमुख उपक्रम “मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम“ (एमपीआईडीसी) यह आयोजन कर रहा है। मार्च में उज्जैन और जुलाई में जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ मुंबई, कोयम्बटूर और बेंंगलूरू में हुई कॉन्क्लेव मध्य प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मंच बनीं। अब 28 अगस्त बुधवार को ग्वालियर में होने जा रही रीजनल कॉन्क्लेव लघु उद्योगों के विकास का सशक्त माध्यम बनेगी। क्योंकि ग्वालियर में खाद्य प्र-संस्करण, टेक्सटाइल एवं गारमेंट उद्योग के साथ ही फुटवेयर एवं लैदर सेक्टर में निवेश प्राप्ति की असीम संभावनाएं हैं।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के परिसर में होने वाली रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव अंचल के औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कॉन्क्लेव में सात देश नीदरलैंड, जाम्बिया, कनाडा, कोस्टारिका, ताइवान, टोंगो और घाना के ट्रेड कमिश्नर शिरकत करेंगे। जबकि देशभर से तीन हजार इन्वेस्टर्स भाग लेने आ रहे हैं। इसमें प्रदेश सरकार के छह विभाग भागीदारी कर रहे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग के 20 और प्रदेशभर से करीब 60 स्टार्टअप भी अपनी भूमिका निभाएंगे।
एमएसएमई, एक जिला-एक उत्पाद, इन्वेस्ट इंडिया, लेदर एवं फुटवेयर, स्टार्टअप, पर्यटन, शिक्षा और कौशल विकास, ग्रामीण तथा हथकरघा एवं हस्तशिल्प पर आधारित सेशन होंगे। इसके अलावा बायर-सेलर मीट महत्वूपर्ण होगी। 42 सेक्टर में विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा और करीब तीन हजार उद्यमियों का मिलन होगा। इसके साथ ही विदेश व्यापार, स्थानीय उद्योग, स्टार्टअप, ग्वालियर हाट बाजार के सेक्टर होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग, लैदर एवं फुटवियर उद्योगपतियों के साथ ही स्टार्टअप के साथ राउंड टेबल चर्चा इस कॉन्क्लेव को खास बनाएगी।
निवेश की बात करें तो, सबसे महत्वपूर्ण ग्वालियर एवं चंबल संभाग में 10 इकाईयों द्वारा करीब दो हजार 570 करोड़ का पूंजी निवेश और चार हजार 550 लोगों को रोजगार प्रदान करने की रुचि दिखाई है। इसके अलावा क्षेत्र की स्थापित पांच इकाईयों द्वारा विस्तार कर लगभग दो हजार 10 करोड़ का पूंजी निवेश करने के साथ ही तीन हजार 968 लोगों को रोजगार प्रस्तावित है। साथ ही क्षेत्र की 22 इकाईयों का वर्चुअली भूमि-पूजन और लोकार्पण किया जाएगा। जिनके जरिए एक हजार 337 करोड़ का पूंजी निवेश और दो हजार 496 लोगों को रोजगार प्रस्तावित है।
कॉन्क्लेव का आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विजन का ही परिणाम है। वे ग्वालियर को ग्लोबल बनाने की ओर अग्रसर कर रहे हैं। उनकी सोच है कि कॉन्क्लेव के जरिए उद्योग और निवेश के क्षेत्र में नए अवसरों की तलाश करना और क्षेत्र के विकास को गति देना है। मध्यप्रदेश की जीडीपी में आईटी सेक्टर का योगदान पांच बिलियन डॉलर है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के साथ ही जिला प्रशासन भी ग्वालियर के विकास के लिए कमर कस के खड़ा नजर आ रहा है। जिले की कलेक्टर रुचिका चौहान का मानना है कि देशभर में निवेशकों की मानसिकता बन गई है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में गन कल्चर है। इस बदनुमा छवि को मिटाना है और ग्वालियर की सरकारात्मक सोच के साथ ग्लोबल छवि बनाना है। इसके लिए वे हर संभव प्रयास कर रहीं हैं और ग्वालियर की बेहतर इमेज बनाने में जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री भी ग्वालियर के औद्योगिक विकास को लेकर सजग नजर आ रह हैं। इसका जीता-जागता प्रमाण है कि कॉन्क्लेव के तीसरे संस्करण के दो दिन पहले ही उन्होंने औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में फैसिलिटेशन सेंटर खोलने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। इन सेंटर्स को कारपोरेट आफिस की तरह बनाया जाएगा। वहां तैनात नोडल अधिकारी आने वाले निवेशकों की खातिरदारी करेंगे।
कॉन्क्लेव में आने वाले उद्योगपति एवं बिजनेसमैन ग्वालियर और आसपास के ऐतिहासिक एवं पर्यटक स्थलों को घूमने भी जाएंगे। इससे अंचल की बेहतर इमेज बनेगी। मुरैना जिले में बानमौर औद्योगिक क्षेत्र के पास ही 16 एकड़ में विकसित किए जा रहे सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में निवेश का माहौल बनेगा। ऐसे में कह सकते हैं कि कॉन्क्लेव से औद्योगिक विकास और निवेश को नई राह मिलेगी और निश्चित तौर पर ग्वालियर तरक्की की राह पर खड़ा नजर आएगा।

(लेखक “सांध्य समाचार” के प्रधान संपादक हैं )

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