🗓️ लंदन | एजेंसी |
संयुक्त राष्ट्र की शिपिंग वार्ता में ऐतिहासिक निर्णय
दुनिया के कई बड़े देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन (शिपिंग) से होने वाले कार्बन उत्सर्जन पर मूल्य (टैक्स) लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की शिपिंग वार्ता के दौरान यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसके तहत अब वैश्विक शिपिंग उद्योग भी अंतरराष्ट्रीय कार्बन मूल्य निर्धारण के दायरे में आएगा।
समुद्री परिवहन – एक बड़ा प्रदूषणकारी स्रोत
शिपिंग उद्योग को दुनिया के सबसे बड़े और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में गिना जाता है। भारी-भरकम जहाजों के जरिए समुद्रों में बड़े पैमाने पर सामान का परिवहन होता है, जिससे वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का करीब 3% हिस्सा आता है। जैसे-जैसे जहाजों का आकार और भार बढ़ा है, वैसे-वैसे उनका ईंधन खपत और प्रदूषण स्तर भी बढ़ता गया है।
2028 से लागू होगा टैक्स, पर्यावरण हित में लिया गया निर्णय
इस टैक्स को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) 2028 से लागू करेगा। इसका प्रमुख उद्देश्य शिपिंग उद्योग को पारंपरिक और प्रदूषणकारी ईंधनों की जगह हरित और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन की ओर ले जाना है। यह निर्णय वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
ग्रीन शिपिंग की ओर एक नया कदम
नए कार्बन मूल्य निर्धारण तंत्र के तहत शिपिंग कंपनियों को अब अपने उत्सर्जन स्तर के अनुसार शुल्क देना होगा, जिससे उन्हें हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लंबे समय में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शिपिंग उद्योग की ऊर्जा दक्षता भी बढ़ेगी।
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