भारतीय सेना का बड़ा कदम: दुश्मन ड्रोन 2 किमी दूर से गिराने वाला स्वदेशी सिस्टम जल्द सेना में शामिल

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Indian Army's big move: System that can destroy enemy missiles from 2 km away to be inducted soon

भारतीय सेना अपनी सैन्य क्षमता, आधुनिक तकनीक और युद्धक तैयारी को लगातार मजबूत कर रही है। इसी दिशा में थलसेना और वायुसेना जल्द ही स्वदेशी तकनीक से विकसित 16 ‘ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम (मार्क-2)’ की खरीद करने जा रही हैं। यह प्रणाली सेना की एंटी-ड्रोन क्षमता में क्रांतिकारी बढ़त दिलाने वाली है।

खासियत क्या है ?
नई प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दो किलोमीटर की दूरी से ही दुश्मन के ड्रोन को लेजर बीम से निशाना बनाकर मार गिराने में सक्षम होगी। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से भारी संख्या में ड्रोन गतिविधि देखी गई थी। इसके बाद से सेना एंटी-ड्रोन सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने पर ध्यान दे रही है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह उन्नत प्रणाली अब अंतिम स्वीकृति चरण में है और रक्षा मंत्रालय द्वारा इसे मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, मार्क-2 वर्ज़न में इस्तेमाल की गई 10 किलोवाट की हाई-पावर लेजर बीम दुश्मन ड्रोन को गिराने की क्षमता को लगभग दोगुना कर देती है। इसके अलावा सिस्टम में रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और जैमर भी लगे होंगे, जो किसी भी संदिग्ध ड्रोन की पहचान, ट्रैकिंग और उसे निष्क्रिय करने की प्रक्रिया को और अधिक सटीक बनाएंगे।

भारतीय सेना का यह कदम न केवल सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि भविष्य में ड्रोन आधारित युद्धक रणनीतियों का प्रभावी मुकाबला करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। स्वदेशी तकनीक के इस प्रोजेक्ट से देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

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