भारत नहीं विदेश की धरती पर बनाया गया है यह भव्य मंदिर, प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर दी शुभकामनाएं
अमेरिका। अमेरिका के न्यू जर्सी में बनाए गए “अक्षरधाम मंदिर“ का रविवार को भव्य उद्घाटन समारोह आयोजित किया जा रहा है। यह अक्षरधाम मंदिर भारत के बाहर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। मंदिर के उद्घाटन समारोह 30 सितंबर से चल रहे हैं। बीएपीएस के संत तीर्थ स्वरूदास स्वामी ने बताया कि अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण किया गया है। यह मंदिर दिल्ली अक्षरधाम से काफी विशाल और विहंगम है। नौ दिन पूर्व अक्षरधाम मंदिर का समर्पण समारोह शुरू हो चुका है। यह आयोजन परम पावन महंत स्वामी महाराज की मौजूदगी में चल रहा है, इस अक्षरधाम मंदिर के लिए के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के तमाम राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉबिन्सविले में बीएपीएस बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था स्वामीनारायण अक्षरधाम को लिखे एक पत्र में उल्लेख किया है दुनिया भर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व का अवसर है, मोदी ने बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था और इस पहल में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए पत्र में लिखा कि अक्षरधाम महामंदिर का उद्घाटन समारोह भारतीय वास्तुकला की उत्कृष्टता और इसकी गौरवशाली प्राचीन संस्कृति एवं लोकाचार को दर्शाता है।
आगे उन्होंने कहा कि यह भारतीय प्रवासियों, विशेषकर युवाओं को मां भारती से जोड़ने में मदद करेगा और उन्हें इस पर गर्व की अनुभूति कराएगा। आगे अपने पत्र मे प्रधानमंत्री ने लिखा कि आध्यात्मिकता हमारी सामाजिक सांस्कृतिक विरासत और सिद्धांतों का एक अभिन्न तत्व है, हमारा दर्शन और परंपराएं इस बात पर जोर देती हैं कि किसी व्यक्ति के जीवन का अंतिम लक्ष्य सेवा या निस्वार्थ सेवा के इर्द गिर्द घूमता है, कि मंदिर सदियों से सेवा और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं, वे न केवल भक्ति के केंद्र हैं बल्कि कला, वास्तुशिल्प उत्कृष्टता, साहित्य और ज्ञान को अभिव्यक्ति देने के लिए मंच के रूप में भी काम करते हैं तथा ऐसे गहन सांस्कृतिक सिद्धांत पीढ़ियों से मानवता का मार्गदर्शन करते रहे हैं।
सुनक ने भी लिखा पत्र
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आठ अक्टूबर को होने वाले उद्घाटन समारोह से पूर्व भेजे गए अपने संदेश में कहा, कि हम इस मंदिर के शांति, सद्भाव एवं एक बेहतर इंसान बनने के सार्वभौमिक संदेश और इसकी सुंदरता से आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि एक ऐसा मील का पत्थर है जो भारत के मूल्यों, संस्कृति और दुनिया में इसके योगदान को भी चित्रित करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्थायी संबंध हैं और दोनों देशों ने इन संबंधों को मजबूत एवं बहुआयामी बनाया है और अपने लोगों के बीच व्यापक बातचीत को बढ़ावा दिया है।