सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देकर एक संतुलित और स्वागतयोग्य फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने यह निर्णय पर्यावरणीय चिंताओं, त्योहारों की भावनाओं और पटाखा उद्योग के आजीविका अधिकारों को ध्यान में रखते हुए लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श स्थिति, इसलिए केवल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पटाखों का उपयोग केवल निर्धारित स्थानों पर और समय सीमा के भीतर ही किया जा सकेगा। दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली वाले दिन, पटाखों का प्रयोग केवल सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।
कोर्ट ने कई अहम निर्देश भी जारी किए हैं:
- केवल नीरी द्वारा अनुमोदित ग्रीन पटाखों की अनुमति होगी।
- पटाखों की ऑनलाइन बिक्री निषिद्ध रहेगी।
- NCR क्षेत्र में बाहरी क्षेत्र से कोई पटाखा नहीं लाया जा सकेगा।
- उल्लंघन करने पर दुकानदारों को दंडित किया जाएगा।
- औचक निरीक्षण और यादृच्छिक नमूने एकत्र किए जाएंगे।
चीफ जस्टिस गवई ने कहा कि पारंपरिक पटाखों की तस्करी होती है, जिससे अधिक नुकसान होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए। पिछले छह वर्षों में ग्रीन पटाखों के उपयोग से प्रदूषण में काफी कमी आई है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि यह निर्णय दीपावली जैसे पवित्र पर्व पर जनभावनाओं और उत्साह का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार स्वच्छ और हरित दिल्ली के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है और इस दीपावली, ग्रीन पटाखों के साथ पर्यावरण संरक्षण और उत्सव का संतुलन बनाए रखना हमारा लक्ष्य है।